दुनिया के छह शक्तिशाली देशों और तेहरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर वार्ता जारी है और अब इन देशों के विदेश मंत्री भी वार्ता में शामिल हो रहे हैं.


इसके साथ ही यह ख़बर भी आ रही है कि संबंधित पक्ष समझौते के बेहद क़रीब हैं.रूस, ईरान, अमरीका, फ़्रांस ब्रिटेन, चीन और जर्मनी के प्रतिनिधि भी इस वार्ता में शामिल हो रहे हैं.बैठक के पहले दिन सभी पक्षों ने समझौते तक पहुंचने की उम्मीद जताई है. माना जा रहा है कि तेहरान अपने यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम को रोक सकता है और इसके बदले उस पर लगे प्रतिबंधों में रियायत दी जाएगी.लंबे समय से चल रही इस वार्ता के तहत अमरीका सहित पश्चिमी दुनिया ईरान से ऐसे कदम उठाने की मांग कर रही है ताकि परमाणु ऊर्जा के सैन्य इस्तेमाल संबंधी उनकी आशंकाओं को दूर किया जा सके.ईरान को चेतावनीकिसी अंतरिम नतीजे तक पहुंचने के लिए वार्ताकार पिछले तीन दिनों से आपस में बातचीत कर रहे थे.


जिनेवा से बीबीसी के जेम्स रेनॉल्ड्स ने बताया कि कैरी की भागीदारी से यह साबित नहीं होता है कि समझौते पर सहमति बन गई है, लेकिन यह पता चलता है कि वार्ता बेहद महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच चुकी होगी.ब्रिटिश विदेश मंत्री विलियम हेग भी शनिवार को पहुंच रहे हैं.

अन्य पश्चिमी ताक़तों के मुकाबले फ़्रांस ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कड़ा रुख अपनाया है और वो लगातार अपने साथी वार्ताकारों को बहुत अधिक समझौता नहीं करने के लिए कह रहा है.जर्मनी के विदेश मंत्री गिदो वेस्टरवेला भी बैठक में शामिल हो रहे हैं. इस बीच चीन ने कहा है कि उसके विदेश मंत्री यांग यी वार्ता में शामिल होने के लिए शनिवार की सुबह जिनेवा के लिए निकल चुके हैं.यूरोपीय संघ की विदेश नीति की प्रमुख के कैथरीन एस्टन वार्ता की अगुवाई कर रही हैं.कैथरीन ने शुक्रवार को ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जाफरी से संक्षिप्त मुलाकात की. इस मुलाकात को ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ने "जटिल और मुश्किल" बताया है.

Posted By: Subhesh Sharma