PATNA: पटना के अस्पतालों का आतंक जारी है. मरीजों से पैसा ऐठने के लिए हॉस्पिटल प्रबंधन किसी भी स्तर तक गिरने को तैयार है. धरती का भगवान माने जाने वाले डॉक्टर मरीजों के साथ हैवान जैसा व्यव्हार कर रहे हैं. बुधवार को पटना में हुई एक घटना ने फिर से डॉक्टरों की हैवानियत वाला चेहरा सामने ला दिया. मामला बाईपास के मेडिकेअर इमरजेंसी हॉस्पिटल का है. आरोप है कि एक मरीज की मौत के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने शव को उसके परिजन को देने से इंकार कर दिया. इसकी सूचना मिलने पर जन अधिकार पार्टी के उपाध्यक्ष रघुपति सिंह अपने सौकड़ों समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच कर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन नरम पड़ा और शव को मृतक के परिजन को सौंप दिया. मृतक भोला राय के परिजन ने बताया कि गुरुवार की शाम को पेट में दर्द की शिकायत होने पर उसे मेडिकेअर हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया. भर्ती करने के समय डॉक्टरों ने साधारण पेरशानी बताते हुए जल्द ही ठीक कर देने का दावा किया था. लेकिन सुबह में ही उसकी मौत हो गई. उसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने भ्भ् हजार रुपए का बिल थमा दिया.

पिता ने हाथ-पैर तक जोड़े

मृतक के पिता लखमेश्वर राय ने बताया कि बेटे की मौत के बाद उसके शव को लेने के लिए अस्पताल मालिक का हाथ पैर पड़ता रहा लेकिन उसने मेरे बेटे का शव नहीं दिया। अस्पताल के लोगों ने कहा कि भ्भ् हजार रुपए जमा करने पर ही शव दिया जाएगा।

अस्पताल प्रबंधन ने साधी चुप्पी

जब इस मामले में हमने अस्पताल प्रबंधन से उसका पक्ष जानने के लिए कॉल किया तो उसके तरफ से कोई जवाब नहीं आया। बीते एक महीने में पटना में कई छोटे बड़े अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाली कई घटनाएं सामने आई है। जिसमें पैसों के लिए मरीजों को बंधक बनाने के कई मामले शामिल है।

Posted By: Inextlive