फिरोजाबाद। हेलो, आपके बच्चे की मौत हो चुकी है, उसे अस्पताल से ले जाएं। टूंडला के गांव सलेमपुर के नगला खार में रहने वाले राहुल यादव को फोन पर जब यह सूचना मिली तो उनके होश उड़ गए। दो दिन पहले ही जिस बच्चे के जन्म पर परिवार में खुशी का माहौल छाया हुआ था वह एकाएक कोहराम में बदल गया। थोड़ा कमजोर ही तो था उनका बच्चा, लेकिन ऐसा क्या हो गया। राहुल को यह फोन फिरोजाबाद के जिला महिला के सौ शैय्या अस्पताल की स्टाफ नर्स ने किया था। रोते-बिलखते वे परिजनों के साथ अस्पताल पहुंच गए। लेकिन, जब उन्हें यहां अपना बच्चा जिंदा मिला तो उन्होंने लापरवाही की इस हद पर हंगामा मचा दिया। परिजनों ने इस संबंध में सीएमएस से शिकायत की और आरोपी नर्स के खिलाफ थाना उत्तर में तहरीर दी है।

थाना टूंडला के गांव सलेमपुर नगला खार निवासी राहुल यादव की पत्नी प्रियंका ने 29 अगस्त की रात को निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था। समय से पहले होने के कारण बच्चा काफी कमजोर था। इस परिजनों ने उसे जिला महिला सौ शैय्या अस्पताल के एसएनसीयू (सिक न्यूबार्न केयर यूनिट) वार्ड में भर्ती कराया। परिजनों का आरोप है कि 30 अगस्त की पूरी रात बच्चे को ऑक्सीजन नहीं लगाई। परिजनों ने ऑक्सीजन लगाने को कहा तो स्टाफ नर्स दीप्ति निगम ने उन्हें फटकार कर बाहर निकाल दिया। शनिवार को सुबह के समय कुछ देर के लिए ऑक्सीजन लगाई। उसके बार फिर निकाल दी।

फोन पर दी मौत की सूचना

शनिवार सुबह स्टाफ नर्स दीप्ती निगम ने नवजात शिशु के पिता राहुल को फोन कर सूचना दी कि बच्चे की मौत हो चुकी है। उसे अस्पताल से ले जाएं। इस खबर से परिवार में कोहराम मच गया। परिजन एसएनसीयू वार्ड में पहुंच गए। उनसे कागज पर भी हस्ताक्षर कराने को कहा गया। इसी बीच सुबह आठ बजे ड्यूटी बदली तो दूसरी स्टाफ नर्स ने बच्चे को ऑक्सीजन लगाई। बच्चा फिर से सांस लेने लगा। इस दौरान ऑक्सीजन लगाने को लेकर दोनों ही स्टाफ नर्स में झगड़ा होने लगा। बच्चे के जिंदा होने की जानकारी पर परिजनों ने नर्स की लापरवाही पर हंगामा शुरू कर दिया।

सूचना पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। एलके गुप्ता भी मौके पर आ गए। उन्होंने बच्चे का हैल्थ चेकअप कर ऑक्सीजन लगी रहने देने को कहा। वहीं परिजनों ने स्टाफ नर्स दीप्ती द्वारा की गई लापरवाही की शिकायत सीएमओ और सीएमएस से की है। राहुल के भाई शेखर ने नर्स के खिलाफ थाना उत्तर में तहरीर दी है।

कार्यवाही के लिए लिखूंगी पत्र: सीएमएस

महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ साधना राठौर ने कहा कि स्टाफ नर्स दीप्ती के खिलाफ पूर्व में भी शिकायत आई हैं। लेकिन, इस बार उन्होंने जिंदा बच्चे को ही मृत घोषित कर दिया, यह बड़ी लापरवाही है। स्टाफ नर्स के खिलाफ जांच कर हटाने के लिए विभाग को पत्र लिखूंगी।

विभाग करेगा कार्यवाही: सीएमओ

इस संबंध में सीएमओ डॉ। एसके दीक्षित ने कहा कि जिंदा बच्चे को मृत बताना गंभीर लापरवाही है। हालांकि मुझे मुझे इस तरह की कोई भी जानकारी महिला अस्पताल की ओर से नहीं दी गई है। इस प्रकार की लापरवाही पर कार्यवाही की जाएगी।

Posted By: Inextlive