- पूरे कैम्पस में पांच घंटों तक किया जमकर बवाल

- हास्टल फीस बढ़ोतरी के विरोध में कैंपस में तालाबंदी कर एबीवीपी ने किया उग्र प्रदर्शन

- गेट बंद करने पर उपद्रवी छात्रों व पुलिस में नोंकझोंक

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी में हॉस्टल की फीस में छह गुना की बढ़ोत्तरी किए जाने के खिलाफ थर्सडे को स्टूडेंट्स का गुस्सा फूट पड़ा। एक ओर समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने प्रशासनिक भवन में ताला जड़ दिया तो दूसरी ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कैम्पस में सरस्वती प्रतिमा के पास प्रदर्शन शुरू कर दिया। दोपहर 12 बजे तक यूनिवर्सिटी का कोई भी जिम्मेदार जब मौके पर नहीं पहुंचा तो एबीवीपी छात्र नेता उग्र हो गए। उन्होंने गेट नंबर एक पर तालाबंदी कर दी। देखते ही देखते थोड़ी देर में यूनिवर्सिटी के अन्य गेट पर भी तालाबंदी कर छात्र वीसी और प्रॉक्टर विरोधी नारे लगाने लगे। आखिरकार पांच घंटे बीतने पर जब पीवीसी प्रो। यूएन द्विवेदी ने कार्यकर्ताओं से वार्ता की और दो दिन का समय मांगा, तब कैंपस के ताले खुले, उसके बाद अंदर फंसे स्टूडेंट्स बाहर निकल पाए।

दोपहर 12.15 बजे जड़ा गेट नंबर एक पर ताला, हुई नोंक झोंक

करीब डेढ़ घंटे तक विरोध प्रदर्शन के बाद भी जब वीसी या यूनिवर्सिटी की ओर से कोई जिम्मेदार छात्रों से मिलने नहीं पहुंचा तो एबीवीपी कार्यकर्ता नाराज हो गए। उन्होंने गेट नंबर एक पर करीब सवा 12 बजे ताला जड़ दिया और वीसी प्रो। एसपी सिंह के फरमान के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान कैंपस आने-जाने वाले स्टूडेंट्स से लेकर शिक्षक और अभिभावक परेशान हो गए। तालाबंदी की वजह से एबीवीपी छात्रों और कुछ छात्राओं के बीच जमकर कहासुनी हुई। एक छात्रा तो ताला न खुलने पर रोने लगी। ताला न खुलने की वजह से स्टूडेंट्स को गेट के पास लोहे की ग्रिल से कूद कर विवि के अंदर आना पड़ा। प्रदर्शन करने वाले एबीवीपी कार्यकर्ताओं में विवेक सिंह, दानिश आजाद, विनय विक्रम सिंह, विपुल बालियान, अनुराग तिवारी, आशीष मिश्रा बाक्सर, नीरज पांडेय, अंशुल श्रीवास्तव, नेहा, मुक्ता खरे, गुरजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, सूरज सिंह आदि मौजूद रहे।

देखते ही देखते बड़ा बवाल

सुबह से ही चल रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से कैम्पस भी छावनी बना हुआ था। बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात थी। दोपहर एक बजे के बाद एनएसयूआई छात्र कैशियर कार्यालय को बंद कराने पहुंच गए। यहां भी कुछ छात्राओं की उनसे तीखी नोंकझोंक हुई। इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों ने गेट नंबर दो, प्रशासनिक भवन के पास वाला गेट भी बंद करा दिया। इस बीच एक छात्र ने खिड़की पर पत्थर मार दिया, जिससे वहां हड़कंप मच गया। प्रशासनिक भवन से लेकर कैशियर कार्यालय तक छात्र नारेबाजी कर रहे थे। वहीं इसके बाद कैशियर कार्यालय बंद करवाने जब एबीवीपी छात्र नेता वहां पहुंचे तो वहां भगदड़ मच गई। छात्रों के दो गुटों में वहां मारपीट भी होने लगी। ऐसे में भीड़ में फंसी छात्राएं रोने लगी। भगदड़ देखकर प्राक्टर प्रो। विनोद सिंह नाराज हो गए और पुलिस के साथ बलपूर्वक कैशियर कार्यालय को खुलवाया तो फिर से फीस जमा होने लगी।

प्रॉक्टर से हुई तीखी झड़प

एबीवीपी छात्र वीसी को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। दोपहर दो बजे तक जब यूनिवर्सिटी का कोई जिम्मेदार नहीं आया तो एबीवीपी छात्रों ने प्रशासनिक भवन के पास वाले गेट पर ताला जड़ दिया। कुछ देर बाद प्रॉक्टर प्रो। विनोद सिंह, प्रोफेसर गुरनाम सिंह पुलिस बल के साथ प्रदर्शन कर रहे छात्रों से वार्ता करने पहुंचे। इस दौरान आक्रोशित छात्र प्रॉक्टर के 25 हजार रुपए के जुर्माने के फरमान से काफी नाराज थे, लिहाजा उन्होंने प्रॉक्टर को जमकर खरी-खोटी सुनाई। यही नहीं, छात्रों से उनकी तीखी झड़प भी हुई। बात न बनते देख प्रॉक्टर को वहां से वापस जाना पड़ा।

पुलिस कर्मी खाते रहे लाई चना, स्टूडेंट्स रहे परेशान

विरोध प्रदर्शन में कई निष्कासित छात्र भी शामिल होकर नारेबाजी कर रहे थे। कई घंटे तक प्रदर्शन के बाद छात्र काउंसिलिंग बंद कराने पर अड़ गए। इस दौरान उन्होंने प्रॉक्टर कार्यालय के पास बने गेट को भी बंद कर दिया। जिससे काउंसिलिंग में आने वाले छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी उठानी पड़ी। करीब पांच घंटे इस प्रदर्शन की वजह से कैम्पस में मौजूद छात्र-छात्राएं दहशत में नजर आए। वहीं, पुलिस व पीएसी जवाब लाई चना खाते रहे।

फीस बढ़ोतरी के विरोध के बाद स्थगित हुई हास्टल आवंटन प्रक्रिया

एलयू में एबीवीपी द्वारा किए गए उग्र प्रदर्शन के बाद हास्टल आवंटन के लिए शुक्रवार व शनिवार को आयोजित होने वाली काउंसिलिंग टाल दी गई है। अब इसकी नई तारीखें आगे घोषित की जाएंगी। दो दिन में यूनिवर्सिटी प्रशासन हास्टल की बढ़ी फीस कुछ कम करने पर निर्णय ले सकता है। शनिवार को अधिकारियों की आपात बैठक होगी। वहीं एबीवीपी इसी दिन फिर धरने पर बैठेगी। अगर निर्णय पक्ष में न हुआ तो हंगामा होगा।

शुक्रवार को प्रस्तावित प्रदर्शन वापस ले लिया गया है। शनिवार को वीसी के साथ वार्ता प्रस्तावित है। यदि फीस वापस नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन होगा।

- सत्यभान सिंह भदौरिया, प्रांत संगठन मंत्री, एबीवीपी

हम यूनिवर्सिटी का नहीं बल्कि उनके गलत फैसलों का विरोध कर रहे हैं। यह शिक्षा इतनी महंगी होगी तो कौन आ सकेगा।

- अजित प्रताप सिंह, छात्रनेता एबीवीपी

फीस के मामले में पूरी तरह से मनमानी की गई है। वापस नहीं हुआ तो समाजवादी छात्रसभा से जुड़े हजारों छात्र सड़क पर उतर आएंगे।

- अनिल सिंह मास्टर, समाजवादी छात्रसभा

छात्रों की फीस बढ़ाई जा रही हैए, लेकिन हॉस्टल में उनके लिए मूल भूत सुविधाएं तक नहीं हैं। यदि कल तक यूनिवर्सिटी ने बढ़ाई गई फीस वापस नहीं ली तो छात्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

- आनंद, एनएसयूआई

Posted By: Inextlive