-एमएमसी में हैं पांच हॉस्टल, इसके बावजूद है हॉस्टल की कमी

PATNA: पटना में ग‌र्ल्स एजुकेशन में मगध महिला कॉलेज (एमएमसी) की अलग पहचान है। वीमेंस एजुकेशन के लिए गवर्नमेंट की ओर से स्टेट में स्थापित पहला कॉलेज है। कॉलेज की स्थापना 1946 में हुई। उस समय कॉलेज में 49 स्टूडेंट्स थीं, आज 3500 से ज्यादा स्टूडेंट्स है। कॉलेज में बैचलर (ऑनर्स) लेवल ह्यूमनिटीज में नौ सब्जेक्ट, सोशल साइंस में छह सब्जेक्ट, सांइस में पांच के अलावा कॉमर्स की पढ़ाई होती है। इसके अलावा कैंपस में कई पीजी व प्रोफेशल कोर्स की पढ़ाई होती है। यहां पढ़ने वाली ग‌र्ल्स के लिए सबसे बड़ी समस्या रहने को लेकर है।

पांचवां हॉस्टल है वैदेही

वैदेही हॉस्टल के इनॉगरेशन के बाद कैंपस में पांच हॉस्टल हो गए, जिसमें कुल मिलाकर 285 स्टूडेंट्स की रहने की सुविधा है। कुछ हॉस्टल में स्टूडेंट्स को रहने के लिए कॉमन रूम में बेड लगाकर रहने की व्यवस्था की गई है। कॉलेज में पढ़ाई के लिए स्टेट भर से स्टूडेंट्स पहुंचती हैं। एडमिशन के बाद सबसे बड़ी समस्या पटना में रहने की होती है। कॉलेज में अभी 3500 स्टूडेंट्स हैं। हॉस्टल की जरूरत करीब 1500 स्टूडेंट्स को है।

At a glance

वैदेही हॉस्टल-ख्ब् स्टूडेंट्स

गार्गी हॉस्टल-ब्भ् स्टूडेंट्स

अवंतिका हॉस्टल-90 स्टूडेंट्स

मैत्री हॉस्टल -90 स्टूडेंट्स

वेलफेयर हॉस्टल-फ्म् स्टूडेंट्स

प्राइवेट हॉस्टल की स्थिति नारकीय

ग‌र्ल्स को कैंपस से बाहर प्राइवेट हॉस्टल में रहना पड़ता है। बाहर रहने में ग‌र्ल्स को कई परेशानी होती है। उन्हें बाहर रहने में मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है। कैंपस पहुंचने के लिए ऑटो-बस में रोजाना किराया देना पड़ता है। इसके अलावा बाहर सिक्योरिटी व खाने-पीने की समस्या अलग से है।

एक करोड़ से बना है वैदेही हॉस्टल

मगध महिला कॉलेज कैंपस में वैदेही हॉस्टल का इनॉगरेशन शुक्रवार को वीसी डॉ वाईसी सिम्हाद्री ने किया। हॉस्टल पर एक करोड़ रुपए खर्च आया है। इसके लिए यूजीसी के ग्यारहवीं फाइव ईयर प्लान से आवंटित 80 लाख रुपए एवं कॉलेज की ओर से ख्0 लाख रुपए राशि खर्च की गई है। हॉस्टल में क्7 कमरे हैं। इनमें क्ख् कमरे में स्टूडेंट्स के लिए दो-दो सीटें है। इसके अलावा कॉमन रूम, कैंटीन, मॉडल रूम, वॉर्डन ऑफिस आदि है। तत्काल ग्रांउड फ्लोर का निर्माण पूरा किया गया है। इनॉगरेशन अवसर पर गवर्नमेंट ऑफ बिहार के हायर एजुकेशन के डायरेक्टर डॉ खालिद मिर्जा, प्रिंसिपल इंचार्ज डॉ नमिता कुमारी, डॉ सुहेली मेहता, स्पो‌र्ट्स इंचार्ज मिताली सहित कई टीचर्स एवं स्टूडेंट्स मौजूद थीं।

हॉस्टल की समस्या है। सिर्फ फ‌र्स्ट लिस्ट के स्टूडेंट्स को ही हॉस्टल किसी तरह दे सकते हैं। अन्य की डिमांड पूरा नहीं कर पाते हैं। करीब क्ख्00 स्टूडेंट्स वेटिंग में रह जाते हैं।

-डॉ सुहेली मेहता, वार्डन, वेलफेयर हॉस्टल

Posted By: Inextlive