रांची: राजधानी में पार्किग की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। मेट्रो सिटी की तरह रेसिडेंशियल बिल्डिंग्स तो शहर में बढ़ती जा रही हैं। लेकिन कैंपस में पार्किग की जगह नहीं है। ऐसे में जाहिर है कि रेसिडेंट्स अपनी गाडि़यां कैंपस के बाहर रोड पर लगाएंगे। लेकिन अब ये परेशानी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। वहीं आधी सड़क पर कब्जा होने से आसपास में रहने वालों की भी टेंशन बढ़ने लगी है। उन्हें अपनी कार घर से निकालने या घुसाने के पहले कई बार सोचना पड़ता है। इतना ही नहीं, कई बार तो इस वजह से उन्हें जगह खाली होने का इंतजार भी करना पड़ता है। इसके बावजूद न तो नगर निगम इस ओर ध्यान दे रहा है और न ही प्रशासन के लोग इस समस्या से निपटने को तैयार हैं।

हाउस ओनर मस्त, पड़ोसी पस्त

सिटी में सैकड़ों रेसिडेंशियल एरिया डेवलप हो चुके हैं। वहीं नए बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है। अब ओनर रेंटर भी रखने लगे हैं। लेकिन रेंटर को कार पार्क करने की जगह कैंपस में नहीं है। ऐसी स्थिति में उन्हें गेट के बाहर ही अपनी गाडि़यां पार्क करने को ओनर कहते हैं। इससे भले ही उनकी कमाई हो रही है और कोई परेशानी नहीं होती। लेकिन आधे रोड से गुजरने वाले दूसरे लोगों के लिए ये परेशानी का सबब जरूर बन गया है। वहीं हाउस ओनर भी कुछ सुनने को तैयार नहीं हैं।

हंस मार्ग, कांके रोड

इसकी गिनती वीआईपी इलाकों में की जाती है। जहां पर एक से बढ़कर एक घर और अपार्टमेंट बने हैं। कई लोगों ने अपने घर में भी पार्किग की जगह नहीं छोड़ी। वहीं घर में रेंटर भी रख लिया है। अब उनके पास अपनी कार लगाने की जगह नहीं है तो रेंटर को जगह कहां से मिलेगी। इस वजह से करीब 150 कारें रोड पर ही खड़ी रहती हैं। किसी को इमरजेंसी पड़ जाए तो गाड़ी निकालना भी जंग जीतने से कम नहीं है। इसके बावजूद न तो नगर निगम एक्शन लेता है और न ही प्रशासन।

नार्थ समाज स्ट्रीट, थड़पखना

ऊंचे-ऊंचे अपार्टमेंट और उसमें रहने वाले लोगों की भरमार है। अब हालात यह है कि लोगों से ज्यादा वहां पर कारें हो गई हैं। ऐसे में कैंपस के बाहर ही अपनी कारें लगा देते हैं। इस वजह से अच्छी खासी सड़क की चौड़ाई कम हो जाती है। वहीं दो गाडि़यां आ जाएं तो निकालने में लोगों को नानी याद आ जाती है। जबकि पार्किग की व्यवस्था किसी भी अपार्टमेंट के कैंपस में ही की जानी है। इसी के आधार पर उनका नक्शा भी पास होता है। लेकिन कार्रवाई नहीं होने के कारण सारे नियम कानून की धज्जियां उड़ा दी जाती हैं।

सेंट जॉन्स इंग्लिश मीडियम स्कूल

अपार्टमेंट और रेसिडेंशियल एरिया वाले इस इलाके में भी घर काफी हैं। फ्लैट में भी लोग काफी संख्या में रहते हैं, जिसमें ओनर तो अपनी गाडि़यां पार्क कर लेता है। लेकिन रेंटर और फ्लैट के दूसरे लोगों के लिए पार्किग की कैंपस में व्यवस्था नहीं है। अगर है भी तो एक-एक घरों में कई गाडि़यां होती हैं। इस वजह से कैंपस ओवर फ्लो हो जा रहा है। ऐसी स्थिति में लोग बाहर रोड पर ही गाडि़यां लगा देते हैं। इसके बाद ये भी नहीं सोचते कि दूसरे लोगों को क्या परेशानी होगी।

Posted By: Inextlive