38 करोड़ था टार्गेट, फाइनेंशियल इयर क्लोजिंग पर 37 करोड़ किए वसूल

एक अप्रैल से टैक्स पर लगेगा 12 परसेंट का इंट्रेस्ट, व्यावसायिक भवन स्वामियों को होगा नुकसान

ALLAHABAD: हंगामा, विरोध और तना-तनी के माहौल के बीच नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन ने तो फाइनेंशियल इयर 2015-16 को क्लोज करते हुए टैक्स वसूली का टार्गेट पूरा कर लिया। लेकिन, उहापोह ने टैक्स जमा न करने वाले हजारों इलाहाबादियों को जबर्दस्त झटका लगना तय है। जिन लोगों ने टैक्स जमा नहीं किया है, उन्हें डिस्काउंट की तो बात ही छोडि़ए टैक्स पर 12 परसेंट ब्याज भी देना होगा।

आवासीय भवन स्वामी एलर्ट

फाइनेंशियल इयर 2015-16 में नगर निगम के सदन में हाउस टैक्स, वाटर टैक्स के साथ ही अन्य मदों से करीब 38 करोड़ रुपए वसूली का लक्ष्य तय किया गया था। इसे सदन में सभी ने सर्वसम्मति से पारित किया था। लक्ष्य अचीव करने और इनकम बढ़ाने के लिए ही पार्षदों ने कॅमर्शियल भवनों का नए सिरे से असेसमेंट कर टैक्स लगाने का संकल्प पारित कराया था। टैक्स नियमावली को भी मंजूरी दी थी। इसके बाद कॅमर्शियल टैक्स बढ़ गया। हंगामे, विरोध व खींचतान के बीच नगर निगम ने सदन द्वारा निर्धारित किए गए 38 करोड़ के टार्गेट को करीब-करीब पूरा कर लिया। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा के मुताबिक 31 मार्च तक नगर निगम ने 37 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में वसूल लिए। आवासीय भवन स्वामियों ने नगर निगम का पूरी तरह साथ दिया है। वहीं नगर निगम द्वारा चिह्नित किए गए 20 हजार भवन स्वामियों में केवल डेढ़ हजार कॅमर्शियल भवन स्वामियों ने ही टैक्स जमा किया है।

नहीं हुआ फैसला, जारी है विरोध

शुक्रवार को टैक्स पर चर्चा के साथ ही नियमावली में संशोधन के लिए बुलाए गए सदन में पार्षदों के न पहुंचने से टैक्स का फैसला नहीं हो सका। वहीं नगर निगम में चल रहे मनमानी, गुटबाजी को लेकर विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। टैक्स बढ़ोत्तरी और ठप विकास कार्य के मुद्दे को लेकर भाजपा उपनेता सदन व पार्षद किरन जायसवाल ने शनिवार को भाजपा पार्षदों के साथ उपवास रखा। जिसमें उन्होंने मेयर पर साजिशन कोरम का अभाव बताकर सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का आरोप लगाया। कहा कि मेयर जनता के हित को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द सदन या फिर कार्यकारिणी बुलाकर गृह कर वापसी का प्रस्ताव पारित कराएं और शासन को भेजें। विरोध जताने वालों में पार्षद शिवसेवक सिंह, चंद्रभूषण सिंह, पूर्व पार्षद कमलेश सिंह, प्रमोद जायसवाल, पदुम जायसवाल, चंद्रशेखर वैश्य, मोनू गुप्ता, राजेश केसरवानी, लल्लू लाल कुशवाहा, गिरजेश मिश्रा, संतोष मिश्र आदि शामिल रहे।

इस्तीफा दें मेयर

भाजपा पार्षद दल के आंदोलन संयोजक गणेश केसरवानी ने सदियापुर में व्यापारियों और लोगों के साथ मीटिंग कर गृहकर बढ़ोत्तरी का विरोध किया और लोगों से टैक्स जमा न करने की अपील की गई। कहा गया कि मेयर को अपने पद इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि वे जनता के साथ नहीं हैं। जब प्रदेश के अन्य नगर निगमों में टैक्स नियमावली 2013 लागू नहीं है तो फिर इलाहाबाद में ही इसे क्यों लागू किया गया है। मीटिंग में पार्षद गिरी बाबा, संजय गुप्ता, राजेंद्र कुशवाहा, डीपी सिंह, संजय निषाद, मयंक श्रीवास्तव, सुरेंद्र धवन, राकेश निषाद आदि मौजूद रहे।

Fact file

फाइनेंशियल इयर 2015-16 में नगर निगम सदन ने हाउस, वाटर के साथ ही अन्य मदों से 38 करोड़ रुपए टैक्स वसूली का लक्ष्य तय किया था।

टारगेट अचीव करने और इनकम बढ़ाने के लिए पार्षदों ने कॅमर्शियल भवनों का नए सिरे से असेसमेंट कर टैक्स लगाने का संकल्प पारित कराया था।

सर्वसम्मति से पारित इस प्रस्ताव के साथ टैक्स नियमावली को भी मंजूरी दी थी

कॅमर्शियल टैक्स बढ़ा तो हंगामे, विरोध व खींचतान शुरू हो गई।

नगर निगम द्वारा चिह्नित किए गए 20 हजार में से केवल डेढ़ हजार कॅमर्शियल भवन स्वामियों ने ही टैक्स जमा किया है।

31 मार्च तक नगर निगम ने 37 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में वसूल लिए। आवासीय भवन स्वामियों ने नगर निगम का पूरी तरह साथ दिया है।

पीके मिश्रा

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम इलाहाबाद

Posted By: Inextlive