मनुष्‍य के बच्‍चों की तरह ही पक्षियों के बच्‍चे भी अपनी माता के गर्भ में ही विकसित होते हैं। वहां उन्‍हें वह सब मिलता है जो उनके विकास के लिए जरूरी होता है। मां के गर्भ में ही उसे सभी पोषक तत्‍व मिलते हैं। अगर हम बात चिकेन्‍स की करें तो ये अंडे के अंदर विकसित होते हैं। अंडा पूरी तरह से बंद होता है। ऐसे में अंडे के अंदर रहने वाला चूजा कैसे ऑक्‍सीजन लेला है क्‍या आप को पता है। अगर नही तो हम बताएंगे।


अंडे के अंदर ऐसे ऑक्सीजन लेता है चूजाअंडा प्रकृति की सबसे बेहतरीन चीजों में से एक है। अंडे के अंदर बहुत सारे जीव जंतु जन्म लेते हैं। प्रकृति उन सभी के सपूंर्ण विकास का कार्य बखूबी निभाती है। अंडे के अंदर उन्हे अपने पोषण के लिए जो भी जरूरत होती है वो प्रकृति उन्हे देती है। अंडे में एक एयर सेल होता है जो चूजे के विकास के लिए ऑक्सीजन देता है। अंडे में चूजे के विकास के दौरान एयर सेक से ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। एयर सेक में भरी कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर निकलती है और शुद्ध ऑक्सीजन अंडे में जाती है। यह पूरी प्रक्रिया अंडे में मौजूद हजारों कोशिकाओं की मदद से पूरी होती है। हर प्रजाति के अंडे की होती है विशेषता
प्रत्येक जाति के पक्षियों में बच्चे विकास की विभिन्न अवस्थाओं में अंडे से बाहर निकलते हैं और यह उस जाति के पक्षी की अपने जीवन की परिस्थितियों पर निर्भर होता है। कुछ चिड़ियों के अंडों की सतहें चिकनी होती हैं। कुछ की चमकीली होती है। कुछ की बहुत अधिक पालिशदार और कुछ की खुरदरी तथा खड़ियानुमा होती है। भ्रूण के पूर्ण विकसित हो जाने पर विहंग शिशु अंडे रूपी कैदखाने से बाहर आने के लिए अपनी चोंच से बार बार प्रहार करता है। अंडे के बीचों बीच अथवा अन्य किसी चौड़े स्थल पर एक दरार हो जाती है। शिशु बाहर निकल आता है। उस समय वह एक तरल पदार्थ से भीगा हुआ सा रहता है, जो हवा लगने से शीघ्र ही सूख जाता है।

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Posted By: Prabha Punj Mishra