गूगल में काम करने वाली तीन महिलाओं ने इस दिग्गज कंपनी के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर ये आरोप लगाया है कि वह पुरुष कर्मचारियों के मुक़ाबले महिलाओं को कम वेतन देती है।

महिलाओं की शिकायत है कि गूगल इस स्थिति को जानता है लेकिन उसने इसे ठीक करने की कोशिश नहीं की।

आज कल सिलिकन वैली की कंपनियों में महिलाओं से जुड़े मामलों को लेकर बहुत सघन पड़ताल चल रही है।

गूगल में भी वेतन को लेकर अमरीकी श्रम मंत्रालय जांच कर रहा है।

 

 

 

गूगल का आरोपों से इनकार
सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में दायर इस मुक़दमे के मुताबिक़, "गूगल पुरुषों के समान योग्यता वाली महिलाओं को कम वेतन, पदोन्नति के सीमित अवसर और पुरुषों की तुलना में आगे बढ़ने के कम अवसर देकर उनके साथ भेदभाव करता है।"

उदाहरण के लिए एलिस 2010 में गूगल से जुड़ीं। उन्हें चार साल का अनुभव होने के बावजूद शुरुआती लेवल पर नौकरी दी गई। वहीं समान योग्यता वाले पुरुष सहयोगी ने इससे ऊपर के पद से शुरुआत की।

मुक़दमे के अनुसार, उन्हें कम प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग भूमिका सौंपी गई और कंपनी के इसी भेदभाव वाली संस्कृति के कारण एलिस ने गूगल से चार साल बाद इस्तीफ़ा दे दिया।

गूगल ने कहा है कि वो इसकी समीक्षा करेगा लेकिन भेदभाव के आरोपों से उसने पूरी तरह इंकार कर दिया।


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जनवरी में सरकार ने गूगल पर मुक़दमे के ज़रिए और अधिक जानकारी तक पहुंचने को कोशिश की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इस संस्कृति पर व्यापक जांच होनी चाहिए।

इसी वर्ष गूगल एक बार फ़िर सुर्ख़ियों में था जब उसके एक वरिष्ठ कर्मचारी की लिखी बातें सार्वजनिक हो गईं, जिसमें उसने महिलाओं की क्षमताओं पर टिप्पणी की थी।

गूगल ने बाद में उन्हें निकाल दिया था।

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Posted By: Chandramohan Mishra