उत्‍तराखंड की केदार घाटी में आई आपदा के बाद इस बात को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं कि स्‍टेट का पापुलर टूरिस्‍ट डेस्‍टिनेशन नैनीताल कितना सेफ है.


जियो साइंटिस्ट्स के मुताबिक बीते दो-तीन डिकेड में यहां हुए अंधाधुंध कंस्ट्रक्शन पर लगाम नहीं लगाई गई तो प्रकृति का कहर यहां भी टूट सकता है. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के साइंटिस्ट्स ने कुमांऊ स्थित नैनीताल के लिए लैंड स्लाइड हैजार्ड जोनेशन मैप तैयार किया है.साइंटिस्ट्स के अनुसार सिटी के डेवलेपमेंट में इस मैप का यूज करके केदारनाथ जैसी त्रासदी से बचा जा सकता है. घाटी भू-तकनीकी दृष्टि से अस्थिर है. कारण यह है कि यह एरिया लैंडस्लाइड के नजरिए से काफी सेंसेटिव है. यही वजह है कि समय-समय पर हुए बड़े लैंडस्लाइड्स की अनदेखी नैनी झील सहित इस खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन का अस्तित्व भी खत्म कर सकती है.
करीब डेढ़ किमी. दायरे में फैली नैनी झील के पूर्व दिशा में मौजूद शेर का डांडा रिज, उत्तरी दिशा में नैना पीक, पश्चिमी क्षेत्र में स्थित अयारपाटा रिज लैंडस्लाइड के प्रति बेहद सेंसेटिव एरियाज हैं. 1867 से अब तक जो भी प्रमुख लैंडस्लाइड हुए हैं वह इन्हीं पहाड़ियों पर हुए हैं. जीएसआइ के डायरेक्टर डॉ.वीके शर्मा ने नैनीताल में लैंडस्लाइड के खतरों को देखते हुए लैंड स्लाइड हैजार्ड जोनेशन मैप तैयार किया है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh