एशिया कप के फ़ाइनल में भारत को उसके खिलाड़ी नहीं बल्कि दूसरी टीमों का दुर्भाग्य ही पहुंचा सकता है.


पाकिस्तान पहले ही एक बोनस अंक के साथ अब 9 अंक अपने खाते में जोड़ चुका है. दूसरी तरफ भारत के पास केवल 4 अंक हैं.दोनों टीमों को एशिया कप में अब केवल एक-एक मैच खेलना है. भारत का मुक़ाबला अफ़ग़ानिस्तान से और पाकिस्तान का सामना बांग्लादेश से होना है.अगर भारत, अफ़ग़ानिस्तान को बोनस अंक के साथ हराए और दूसरी तरफ पाकिस्तान, बांग्लादेश से एक बड़े अंतर से हार जाए, तभी भारत फ़ाइनल में पहुंच सकता है.अन्यथा पाकिस्तान और श्रीलंका का फ़ाइनल में भिड़ना लगभग तय है.पिछले दिनों दक्षिण अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड में जब भारतीय टीम एक के बाद एक मैच हार रही थी, तब कहा जा रहा था कि भारतीय खिलाड़ी दक्षिण एशिया के बाहर अच्छा नहीं खेल पाते हैं.


अब तो एशिया कप में भारतीय टीम के निराशाजनक प्रदर्शन ने साबित कर दिया है कि दक्षिण एशिया में खेलना भी भारत के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.भारतीय टीम में अब कई बदलाव की ज़रूरत है.सलामी जोड़ी की नाक़ामीकप्तानी के दबाव में एशिया कप में विराट भी प्रभावित होते नज़र आ रहे हैं और वैसे भी केवल दो खिलाड़ियों के दम पर कोई टीम भला कैसे जीत सकती है.कमज़ोर पड़ती गेंदबाज़ी

इसके अलावा भुवनेश्वर कुमार अब बेहद साधारण गेंदबाज़ नज़र आते हैं. वहीं रवींद्र जडेजा को किसी भी सूरत में विशेषज्ञ स्पिनर नहीं कहा जा सकता है. इसके अलावा टीम के कोचिंग स्टाफ पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं.कुमार संगकारा, महिला जयवर्धने, लाहिरु थिरीमन्ने और कप्तान एंजेलो मैथ्यूज़ अपनी बल्लेबाज़ी के दम पर टीम को मैच जिताने की क्षमता रखते हैं तो लसिथ मलिंगा ने दिखा दिया है कि भले ही उनकी रफ़्तार में कमी आई है.उनके यॉर्कर आज भी ख़तरनाक हैं. लिहाज़ा श्रीलंका इस टूर्नामेंट को जीतने का सबसे बड़ा दावेदार माना जा सकता है.

Posted By: Subhesh Sharma