चक्रवात अम्फान के बाद अब इन दिनों चक्रवात निसर्ग तैयार है। यह चक्रवात महाराष्ट्र और गुजरात के समुद्र तट की ओर बढ़ रहा है और इसको लेकर शासन से प्रशासन तक सभी अलर्ट है। आइए जानें कैसे पड़ा इस चक्रवात का नाम और क्या है इसका अर्थ...

नई दिल्ली (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में चक्रवात 'अम्फान' के कहर के एक हफ्ते बाद, देश अब एक और चक्रवात का सामना करने के लिए तैयार है, जो महाराष्ट्र और गुजरात के समुद्र तट की ओर बढ़ रहा है। इस चक्रवात का नाम निसर्ग चक्रवात है जो वर्तमान में अरब सागर में चल रहा है। निसर्ग का अर्थ प्रकृति है और इसे भारत के पड़ोसी देश -बांग्लादेश द्वारा करार दिया गया है। देशों के समूह द्वारा तैयार की गई सूची में नाम को जोड़ा गया है। बांग्लादेश ने इससे पहले 'फानी' का भी सुझाव दिया था, जिसने 3 मई, 2019 को ओडिशा में एक लैंडफॉल बनाया था। यह भी अत्यंत गंभीर चक्रवात था और इसकी वजह से व्यापक क्षति हुई थी। हिंद महासागर में चक्रवातों का नामकरण 2000 में शुरू हुआ और 2004 में एक सूत्र पर सहमति बनी। अगले कुछ चक्रवातों का नाम गाती (भारत द्वारा नामित), निवार (ईरान), बुउर्वी (मालदीव), ताउक्ते (म्यांमार) और यास (ओमान) होगा।

ये देश चक्रवातों को नाम आवंटित करने पर सहमत हुए

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों (ट्राॅपिकल साइक्लोन) को नाम वैज्ञानिक समुदाय और आपदा प्रबंधकों को चक्रवातों की पहचान करने, जागरूकता पैदा करने और व्यापक दर्शकों को प्रभावी ढंग से चेतावनी प्रसारित करने में मदद करने के लिए दिया जाता है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन / एशिया के लिए आर्थिक और सामाजिक आयोग और उष्णकटिबंधीय चक्रवात पर पैसिफिक पैनल 2000 में आयोजित अपने सत्ताईसवें सत्र में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को नाम आवंटित करने पर सहमत हुए। इसमें बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड पैनल का हिस्सा थे। बाद में 2018 में ईरान, कतर, सऊदी अरब, यूएई और यमन को सूची में जोड़ा गया। दुनिया भर के चक्रवातों का नाम क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों और उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्रों द्वारा दिया गया है।

13 देशों द्वारा सुझाए गए चक्रवातों के नामों की लिस्ट जारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग सहित कुल छह RSMC और पांच TCWCs हैं। भारत के मौसम विभाग (IMD) ने एक मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी सहित उत्तर भारतीय महासागर के ऊपर विकसित होने वाले चक्रवातों के नाम के प्रति अपना कर्तव्य पूरा किया। आईएमडी ने 13 देशों द्वारा सुझाए गए चक्रवातों के नामों के अनुसार अप्रैल में एक सूची जारी की। इसमें अर्नब, निसर्ग, आग, व्योम, अजार, प्रभंजन, तेज, गाती, लुलु जैसे 160 अन्य नाम लिस्टेड हैं। 'अम्फान' के बाद, 'निसर्ग' नाम को आगामी चक्रवात के लिए उठाया गया था। आईएमडी के अनुसार, नाम लिंग, राजनीति, धर्म और संस्कृति के तटस्थ होने चाहिए। किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए, आक्रामक नहीं होना चाहिए, संक्षिप्त होना चाहिए, उच्चारण करना आसान होना चाहिए।

Posted By: Shweta Mishra