6 रन यूं तो बहुत बार बने पर एक ही शॉट लगाकर बॉल को बाउंड्री के पार भेजने पर मिलने वाले इस छक्के का जन्म कुछ इस तरह हुआ....


हैप्पी बर्थडेजेंटेलमैन गेम यानी क्रिकेट यूं तो सदियों से खेल प्रेमियों को लुभाता आया है, लेकिन इस खेल की एक सबसे दिलचस्प चीज है जिसने इसे नया रूप, रंग और रोमांच दिया..और वो है, 'छक्का'. कोई सिक्सर कहता है, कोई सिक्स कहता है, कोई छक्का कहता है तो कोई सिर्फ छह रन..लेकिन बल्ले से जब भी ये लगता है तो मैदान गूंज उठता है. आज 14 जनवरी का ही वो दिन था जब क्रिकेट को उसका पहला सिक्सर मिला था, क्या था पूरा किस्सा, आइए जानते हैं.एशेज सीरीज


1897-98 की एशेज सीरीज के दौरान इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था और इसी दौरे के तीसरे टेस्ट में हमको मिला था टेस्ट क्रिकेट का पहला सिक्सर. आपको बता दें कि इससे पहले भी एक गेंद पर कई बार छह रन तो दिए गए थे लेकिन वो हमेशा ओवरथ्रो के जरिए होते थे, यानी कभी मात्र एक शॉट के दम पर किसी को छह रन नहीं मिला थे. इसका कारण यह था कि उस दौरान नियमों के मुताबिक ऐसा सिर्फ तब मुमकिन था जब आप गेंद को मैदान से बाहर पहुंचा दें.इस खिलाड़ी ने जड़ा था पहला छक्का

एडिलेड में खेले गए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज जो डार्लिग ने ये कारनामा कर दिखाया. उन्होंने इस मैच में 94 के स्कोर पर जॉनी ब्रिग्स की गेंद पर आगे बढ़कर ऐसा शॉट जड़ा कि गेंद मैदान के बाहर दूसरे पार्क में जाकर गिरी, इसके साथ ही उन्होंने इतिहास का पहला सिक्सर अपने नाम किया और साथ ही एशेज टेस्ट सीरीज इतिहास में पहली बार कोई बल्लेबाज छक्के के दम पर अपने शतक तक पहुंचा. इस मैच में डार्लिग ने 2 और छक्के भी लगाए और 178 रनों का स्कोर बनाया. कंगारू यह मैच पारी और 13 रन से जीते थे.इंग्लैंड में किसने जड़ा था पहला छक्का

उसके बाद अगली सीरीज में इंग्लैंड जाकर भी वो इंग्लैंड में सिक्सर जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बने. डार्लिग ही वो खिलाड़ी थे जो 91 मिनट में पहला सबसे तेज शतक जड़ने वाले खिलाड़ी बने. वो ही पहले बल्लेबाज थे जिन्होंने एक सीरीज में सबसे पहले 500 रन पूरे किए थे और एक ही सीरीज में तीन शतक जड़ने वाले भी पहले क्रिकेटर वही थे. आज बेशक वनडे और टी20 जैसे प्रारूपों के बढ़ते खेल में सिक्सर की मांग ओवर दर ओवर बढ़ती जा रही है, जिस वजह से ये बेहद आम चीज हो गई है, लेकिन भविष्य में जब भी इस दिलचस्प शॉट के इतिहास को याद किया जाएगा तो डार्लिग और 14 जनवरी हमेशा सुनहरे अक्षरों में मौजूद रहेंगे.Hindi news from Sports news desk, inextlive

Posted By: Subhesh Sharma