- पॉलीथिन और डिस्पोजेबल ग्लास के खिलाफ अभियान बेअसर

- पुराने शहर के तमाम बाजारों में धड़ल्ले से बिक्री जारी

- सख्ती का हवाला देकर मोटी कीमत वसूल रहे दुकानदार

LUCKNOW : सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी पॉलीथिन कारोबारियों के हौसले पस्त नहीं कर पा रही है। पॉलीथिन और प्लास्टिक डिस्पोजेबल ग्लास-प्लेट के खिलाफ जारी अभियान और उसके असर को परखने के लिये दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने पुराने शहर की तमाम बाजारों में स्टिंग ऑपरेशन किया तो हैरान कर देने वाली हकीकत सामने आई। कारोबारी न सिर्फ बेखौफ होकर पॉलीथिन पैकेट और प्लास्टिक डिस्पोजेबल गिलास-प्लेट की बिक्री कर रहे हैं बल्कि, सख्ती का हवाला देकर इसके एवज में मोटी कीमत वसूली जा रही है। ऐसे में सवाल उठ खड़ा हुआ है कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली पॉलीथिन से आजादी आखिर कब मिलेगी?

बिना किसी झिझक निकाल दी पॉलीथिन

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम सबसे पहले पहुंची अमीनाबाद के गड़बड़झाला बाजार में। एक दुकान पहुंचकर रिपोर्टर ने 15 अगस्त को लड्डू बांटने के लिये जिप लॉक प्लास्टिक पैकेट के बारे में पूछा। दुकानदार ने अगल-बगल देखा और पूछा दो लड्डू रखने हैं या चार। रिपोर्टर ने उसे बताया कि उसे चार लड्डू वाले पैकेट चाहिये। दुकानदार ने फौरन काउंटर के नीचे रखी ढक्कनदार प्लास्टिक बाल्टी को खींचकर उसका ढक्कन हटाया और उसमें से चार बंडल जिप लॉक प्लास्टिक पैकेट काउंटर पर रख दिये। हैरान रिपोर्टर ने कीमत पूछी तो दुकानदार ने एक बंडल की कीमत 40 रुपये बताई। रिपोर्टर ने कीमत ज्यादा होने की बात कही तो दुकानदार ने कहा कि सख्ती ज्यादा है, इसलिए सप्लायर माल को महंगा करके उसे दे रहे हैं। एक बंडल खरीदने के साथ ही रिपोर्टर ने 10 किलो के पॉलीथिन कैरीबैग के बारे में पूछा। दुकानदार ने हामी भरते हुए तुरंत काउंटर पर कैरीबैग का पैकेट रख दिया। रिपोर्टर ने जब उससे पैकेट खोलकर दिखाने को कहा तो वह राजी हो गया और खुलेआम पैकेट खोलकर भी दिखाया मानो उसे किसी भी अभियान का कोई खौफ नहीं है।

'रेट कम नहीं होंगे लेना हो तो लो'

अमीनाबाद के बाद हमारी टीम उदयगंज चौराहा पहुंची। एक दुकान के बाहर डिस्पोजेबल पेपर ग्लास-प्लेट का ढेर लगा हुआ था। रिपोर्टर ने दुकान में मौजूद युवक से डिस्पोजेबल प्लास्टिक ग्लास के बारे में पूछा। उसने मात्रा पूछी। रिपोर्टर ने उसे बताया कि 200 गिलास चाहिये। युवक फौरन दुकान में लगे पर्दे के पीछे गया और प्लास्टिक ग्लास के पैकेट निकाल लाया। रेट पूछने पर उसने 50 गिलास के पैकेट की कीमत 90 रुपये बताई। रिपोर्टर ने उससे रियायत करने को कहा लेकिन, वह बोला 'रेट कम नहीं होंगे लेना हो तो लो'। आखिरकार, रिपोर्टर ने महंगा बताते हुए एक पैकेट खरीद लिया। युवक ने पूछे जाने पर प्लास्टिक प्लेट भी उपलब्ध होने की बात कही। रिपोर्टर ने जरूरत पड़ने पर उससे ही सामान लेने का वायदा किया और वापस लौट आया।

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वजीरगंज में धड़ल्ले से बिक्री जारी

पॉलीथीन बंदी का असर राजधानी में बेअसर नजर आ रहा है। फुटकर में न केवल पॉलीथीन में सामान बेचा जा रहा बल्कि शहर की थोक मंडी में खुलेआम पॉलीथीन बेची जा रही है। बड़ी मंडी में कई जगह पॉलीथीन बंदी का असर भी नजर आया लेकिन थोक बाजारों में खुलेआम पॉलीथीन कैरी बैग बिक रहे है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम में बुधवार को रियलिटी चेक किया। आई नेक्स्ट की टीम वजीरगंज स्थित मंडी पहुंची।

रिपोर्टर - पॉलीथीन कैरी बैग चाहिए?

शॉप कीपर- मिल जाएगा कौन सा चाहिए

रिपोर्टर - छोटे वाले कैरी बैग चाहिए?

शॉप कीपर -दो क्वालिटी के है कौन सा चाहिए

रिपोर्टर - दोनों दिखा दीजिए

शॉप कीपर - यह पीला कैरी बैग है और यह सफेद, दोनों की क्वालिटी में भी अंतर है

रिपोर्टर - दोनों किस रेट में है?

शॉप कीपर - पीला वाली कैरी बैग 30 रुपये प्रति सौ ग्राम और सफेद वाला 40 रुपये प्रति ग्राम

रिपोर्टर - यह पॉलीथीन कैरी बैग तो प्रतिबंधित है?

शॉप कीपर - अब स्टॉक में रखा है तो उसे बेचना ही पड़ेगा

रिपोर्टर - जिला प्रशासन छापा डालकर जब्त कर लेगा?

शॉप कीपर- हर किसी को कैरी बैग दिखाते ही नहीं है।

Posted By: Inextlive