दिवाली के बाद अस्पतालों में मरीजों की लाइन लगी हुई है। मेडिसिटी गुड़गांव के ईएनटी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉक्टर के के हांडा ने बीबीसी को बताया कि ''ज्यादातर लोग मौसमी एलर्जी से परेशान हैं। नाक से पानी गिर रहा है। छाती जकड़ गई है। सांस लेने में परेशानी है। कान और गले में दर्द है और कुछ मामलों में आंखों में जलन और खुजली की शिकायत भी है।''

डॉक्टर हांडा बताते हैं कि गला-नाक-आंख-कान यह सारे अंग आपस में जुड़े हैं, इसलिए अगर एक में भी परेशानी हुई तो बढ़कर बाक़ी तक भी पहुंच सकती है।

इनमें से ज़्यादातर परेशानियां प्रदूषण से जुड़ी हैं। दिवाली के आस-पास प्रदूषण खतरनाक़ स्तर तक बढ़ जाता है क्योंकि पटाखे छुटाए जाते हैं। गांव में पुआल जलाई जाती है और मौसम में नमी आने लगती है जो प्रदूषण और धुएं को ऊपर उठने से रोकती है।

अब चेतना ज़रूरी

बीबीसी से बातचीत में डॉक्टर भलोत्रा ने बताया कि इतना प्रदूषण सिगरेट के धुएं से भी कई गुना ज़्यादा ख़तरनाक़ है। उनका मानना है कि ''अगर हम अब भी नहीं चेते और प्रदूषण ऐसे ही बढ़ता रहा तो अगले 15-20 साल में छोटी उम्र में ही फेफड़ों के कैंसर के मामले सामने आने लगेंगे''।

डॉक्टर भलोत्रा की सलाह है कि अगर सांस में थोड़ा भारीपन महसूस हो, छाती और गले में घर-घर की आवाज़ आए तो देर न करें और तुरंत अपना ब्लड प्रेशर और छाती का चेकअप कराएं।

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बच्चों का बचाव करें

डॉक्टर बॉबी भलोत्रा भी यही सलाह देते हैं। उनका कहना है कि ''कोशिश करें कि सिर्फ़ धूप के दौरान बाहर रहें। न बहुत सुबह बाहर निकलें और न ही शाम तक बच्चों को बाहर खेलने दें। बंद वाहन जैसे गाड़ी, बस, मेट्रो में बाहर जाएं।''

डॉक्टर के के हांडा आगे बताते हैं कि ''सार्वजनिक जगहों में मास्क का इस्तेमाल करें। कोशिश करें कि एक बार के बाद फेंकने वाले (डिस्पोज़ेबल) मास्क का इस्तेमाल करें। आंखों को बचाने के लिए ज़ीरो पावर का चश्मा लगा सकते हैं।''

दिवाली के दौरान ज़्यादा मीठा, तला-भुना और डिब्बा बंद खाना खाने से इम्युनिटी भी कमज़ोर होती है इसलिए खाने-पीने का भी ध्यान रखें। यह सलाह है दिल्ली के मैक्स अस्पताल की चीफ़ क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट रितिका सामादार की।

नट्स और सीड्स को अपने रोज़ के खाने का हिस्सा बनाएं। इनमें भरपूर ओमेगा 3 फ़ैटी एसिड होता है।

रोज़ 2.5-4.5 लीटर पानी पाएं। अगर सादा पानी न पी सकें तो नींबू पानी, नारियल पानी, दही, लस्सी, छाछ भी ले सकते हैं।

आंवला और अमरूद खाएं। इनमें बहुत एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बीमारियों से लड़ने के लिए बहुत ज़रूरी हैं।

प्रोटीन लेना बंद न करें। रोज़ 50-60 ग्राम प्रोटीन ज़रूर लें।

आधे घंटे ही सही, लेकिन किसी भी तरह का व्यायाम ज़रूर करें।

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Posted By: Chandramohan Mishra