स्‍मार्टफोन की उपयोगिता इतनी बढ़ती जा रही है कि लोग ज्‍यादा से ज्‍यादा समय स्‍मार्टफोन अपने हाथ में ही रखते हैं। नए दौर को देखते हुए इसे सही तो कहा जा सकता है। लेकिन इसके दूसरे पहलू पर नजर डालें तो स्‍मार्टफोन का स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर पड़ता है। जी हां हम बात कर रहे हैं स्‍मार्टफोन रेडिएशन की जिसकी वजह से कई बीमारियां हो सकती हैं। तो आइए जानें इससे बचने के कुछ महत्‍वपूर्ण उपाय।

(1) Use Speaker or Headset :-
स्मार्टफोन रेडिएशन का सबसे ज्यादा खतरा फोन में बात करने के दौरान होता है। यानी कि अगर आप कई घंटो तक स्मार्टफोन पर लगातार बात कर रहे हैं, तो थोड़ा सचेत होने की जरूत है। जब कभी भी कॉल पर बात करें, तो अपने फोन को डायरेक्ट कान के पास लगाकर बात न करें। इसके लिए आप स्पीकर या हेडसेट का इस्तेमाल करते हैं, तो यह ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। हालांकि कोई यूजर वॉयरलेस का यूज करता है, तो यह भी काफी हद तक सेफ है। लेकिन कॉल डिसकनेक्ट होते ही इसे कान से हटा देना चाहिए.
(2) Hold the Phone Away from Your Body :-
स्मार्टफोन को जितना हो सके, अपनी बॉडी से दूर रखें। अक्सर घरों में देखा जाता है कि छोटे बच्चे फोन के साथ खेलते हैं, यह काफी हानिकारक है। किसी भी परिस्थिति में बच्चों को स्मार्टफोन नहीं देना चाहिए। वहीं वयस्क इंसान के लिए भी यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में कभी भी स्मार्टफोन को शरीर से टच करते हुए नहीं रखना चाहिए। फोन को अपने हाथों में रखें ताकि वह आपकी बॉडी से दूर रहे, इससे रेडिएशन का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है.

(3) Don't Keep Phone Under pillow or pocket :-

सबसे पहले यह जान लें कि, फोन अगर यूज नहीं किया जा रहा तो उससे रेडिएशन का खतरा कम नहीं होता है। स्मार्टफोन नेटवर्क में लगातार सिग्नल टैवल करते रहते हैं, जब तक कि वह स्िवच ऑन होता है। इस स्िथति में रेडिएशन लगातार निकलता रहता है। ऐसे में यूजर्स को ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी फोन को अपने तकिए के नीचे या बगल में न रखें। इसके अलावा स्मार्टफोन को कभी भी शर्ट की ऊपर वाली पॉकेट में नहीं रखना चाहिए, इससे दिल की बीमारी का खतरा बना रहता है। हालांकि इससे बचने के लिए 'एयरोप्लेन मोड'  बेस्ट ऑप्शन है। यानी कि इस कंडीशन में हैंडसेट से सभी वॉयरलेस ट्रांसमीशन कट हो जाते हैं जिससे रेडिएशन आना रुक जाता है। इसके साथ ही यह बैटरी की भी बचत करता है।
(4) Text more and Talk Less :-
जब किसी डिवाइस में वॉयस कम्यूनिकेशन होता है तो उससे रेडिएशन ज्यादा निकलता है। ऐसे में जहां तक हो सके, आप कॉल की जगह Text या मैसेजेस का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि आजकल तो कई ऐसे मैसेंजर एप आ गए हैं, जो यूजर को काफी आराम दे सकते हैं।
(5) Make a Call When Signal is Strong :-
हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जब फोन सिग्नल वीक हो, तो कॉल करने से बचें। यानी कि मोबाइल सिग्नल स्ट्रांग होने पर कॉल करना सही तरीका माना जाता है। एक रिसर्च के मुताबिक, वीक सिग्नल के दौरान जब कोई कॉल की जाती है तो यह हाईरेंज के ब्राडकॉस्ट को सर्च करता है ताकि आपकी कॉल कनेक्ट हो सके। ऐसे में रेडिएशन एमाउंट काफी बढ़ जाता है, जिससे यूजर को काफी खतरा हो सकता है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari