इस साल चीन के हांगचो शहर में जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है। इस सम्‍मेलन में भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सबसे खास बात तो यह है कि इन दिनों चीन और भारत के रिश्तों का बाजार गर्म हैं। जिससे इस सम्‍म्‍ोलन पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं। ऐसे में आइए जानें क्‍या है जी-20 और यह कैसे करता है काम ...


* सबसे पहले तो यह है जान लें कि G-20 का मतलब GROUP-20 है। * इसमें दुनिया के 19 शक्तिशाली देश और यूरोपियन देशों का समूह शामिल हैं। * यह समूह दुनिया की करीब 85 प्रतिशत अर्थव्यवस्था को और 75 वैश्विक व्यापार को पूरी तरह से नियंत्रित करता है। * इसका प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा किया जाता है* 2008 में वित्तीय संकट के बाद इस वैश्विक फोरम का नेतृत्व वित्त मंत्रियों से लेकर समूह देशों के शीर्ष नेताओं को सौंप दिया गया।* जी-20 शिखर सम्मेलन में सभी देशों के शीर्ष नेता जैसे प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति ही शिरकत करते हैं। मेहमान देशों को भी आमंत्रित किया जाता है।


* इस समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, टर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, चीन, दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं। * जी-20 में सबसे पहले कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे पहले शामिल हुए थ्ो। * इन संबद्धता समूह में व्यापार समुदाय के लिए मजदूर संगठनों के लिए लेबर 20 (एल-20), विचार मंचों एवं शिक्षाविदों के लिए थिंक-20 (टी-20) हैं।

* इसके अलावा बिजनेस-20 (बी-20), नागरिक समाज के लिए सिविल 20 (सी-20), और युवाओं के लिए यूथ-20 (वाई-20) आदि शामिल हैं।* जी-20 की तरह ही एक और मंच जी-8 भी है लेकिन इनमें काफी अंतर है। इसका न तो कोई मुख्यालय है और न ही कोई बजट है। 1970 के दशक में तेल संकट और आर्थिक मंदी के दौर में लंबे-चौड़े तामझाम से बचने और खुलकर बात करने के लिए यह मंच बनाया गया। * 1975 में जी-6 नाम से फ्रांस में इसकी स्थापना हुई। उस समय  फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरेका शामिल हुए थे। इसके बाद इसमें कनाडा रूस शामिल हुए तो यह जी-8 बन गया।

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Posted By: Shweta Mishra