यह भी जानें

-80 हजार लोग डेली मार्केट में खरीदारी को जाते हैं

-1-2 शॉप्स ओनर्स के पास है फायर एनओसी

-करोड़ा का व्यापार, उसके बाद भी फायर सेफ्टी के नहीं हैं इंतजाम

- फायर हाइड्रेंट भी लापता, जिम्मेदार को भी नहीं पता

बरेली : सहालग का दौर शुरु हो चुका है। बरेलियंस अपने बच्चों की शादी तैयारियां करने में जुटे हुए हैं। बड़ा बाजार की तंग गलियों में बरेलियंस की भीड़ खरीदारी करने के लिए सुबह से जुटी रहती है। नियमों को दरकिनार कर तंग गलियों में बहुमंजिली इमारतें धड़ल्ले से बन रही हैं। इन गलियों में लाखों रुपए का कारोबार होता है, लेकिन यहां की सुरक्षा भगवान भरोसे है। तंग गलियों में बसे शहर बड़ा बाजार इलाके की पहचान बिजनेस हब के रूप है। अगर गलती से आग लग गयी तो सब कुछ जलकर खाक हो जाएगा। तंग गलियों में फायर बिग्रेड की गाडि़यों भी जानी मुश्किल है। रोजाना तकरीबन 80 हजार लोग कपड़े और दूसरी चीजों की खरीदारी करने आते हैं। भीड़ इतनी होती है कि इन संकरी गलियों में पैदल चलना मुश्किल होता है।

संकरी गलियों में है बड़े गोदाम

शहर का बड़ा बाजार कमर्शियल इलाका है। तंग गलियों में हजारों की तादात में व्यापारियों के बड़े-बड़े गोदाम हैं। यहां आर्टिफिशिल ज्वैलरी शोरूम, साड़ी शोरूम, वॉच शोरूम और सर्राफा बाजार समेत कई दुकानें हैं। यह व्यापारी करोड़ो का कारोबार कर रहे हैं। व्यापारियों ने संकरी गालियों में बिना फायर एनओसी लिए शोरूम और गोदाम तैयार कर लिए हैं। एक दो प्रतिष्ठानों को छोड़ दिया जाए, तो किसी ने अपनी दुकान में फायर फाइटिंग की व्यवस्था नहीं की है। ऐसे में यदि किसी वजह से आग लगी तो बुझाना मुश्किल होगा।

घनी आबादी के बीच है बाजार

घनी आबादी के बीच कुतुबुखाना, बड़ा बाजार, शास्त्री मार्केट है। सहालग और फेस्टिव सीजन में यहां बरेलियंस की खासी भीड़ रहती है। वहीं शास्त्री मार्केट जो कि मेडिसन मॉर्केट के नाम से चर्चित है। जहां मेडिकल की थोक शॉप है। इसके बावजूद लोग एनओसी लेने से बचते है। अफसरों की अनदेखी और लापरवाही के कारण बड़े कारोबारियों के पास सेफ्टी सुविधाएं नदारद हैं।

किराए की बिल्डिंग में कारोबार

आमतौर पर बड़ा बाजार में अधिकांश व्यापारियों ने दुकानों को किराए पर लिया है। बिल्डिंग मालिक व्यापारियों से प्रति माह मोटा किराया वसूलते है। जबकि नियमानुसार होटल, भवन, मैरिज हॉल, स्कूलों, लॉज, अपार्टमेंट समेत कमर्शियल बिल्डिंग के निर्माण से पहले फायर बिग्रेड डिपार्टमेंट से एनओसी लेना जरुरी होता है। लेकिन हैरत है कि कुछ बड़े कारोबारियों को छोड़ दे, तो किसी के पास भी फायर एनओसी नहीं है।

कपड़ा मार्केट के व्यापारियों के पास न तो फायर एनओसी है और न आग बुझाने के संसाधन। भीड़भाड़ की वजह से फायर बिग्रेड की गाड़ी भी पहुंच पाना मुश्किल है। अभियान चलाकर ऐसे व्यापारियों को नोटिस दिया जाएगा।

चंद्र मोहन शर्मा, सीएफओ

Posted By: Inextlive