हम वोट देने के बाद शायद ही अपने चुने गए जनप्रतिनिधि के कामकाज की चिंता करते हैं। जबकि संसद या विधानसभा में किए जाने वाले उनके काम का हमारी जिंदगी पर सीधा असर होता है। वह कानून बनाते हैं। जिनका हमें पालन करना होता है। अभी तक उनके कामकाज से जुड़ी जानकारी मुश्‍किल से ही मिल पाती थी। अब यह आसान है।

एमपी ट्रैक टूल
लोकसभा व राज्यसभा सांससदों के कामकाज पर नजर रखने वाले संगठन पीआरएस लेगिस्लेटिव रिसर्च ने एमपी ट्रैक टूल बनाया है। जिसकी मदद से हर संसद सत्र के बाद अपने सांसद का रिपोर्ट कार्ड ऑनलाइन चेक किया जा सकता है। आप जान सकते हैं कि सत्र के दौरान उसकी अटेंडेंस कितनी रही, उसने जनहित से जुड़े कितने सवाल पूछे या किन विषयों पर चर्चा में हिस्सा लिया। साथ ही उसकी परफार्मेंस को राष्ट्रीय व प्रदेश के सांसदों की औसत से तुलना भी कर सकते हैं।
हिंदी में जानकारी
पीआरएस के सिटीजन एंगेजमेंट इनीशिएटिव के प्रमुख चक्षु रॉय बताते हैं कि उन लोगों की कोशिश है कि कानून बनाने की प्रक्रिया को आम लोग आसानी से समझ सकें। साथ ही संसद में सांसदों के काम के बारे में जान सकें। भारतीय भाषाओं में विधायी कामकाज पर जानकारी के अभाव के सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि 2016 में उनकी कोशिश बीते 10 साल में जुटाई गई जानकारी को ऑनलाइन हिंदी में उपलब्ध कराने की है।
पीआरएस इंडिया प्रमुख चक्षु राय से हुई बातचीत सुनने के लिए यहां क्िलक करें....
सोशल मीडिया पर चर्चा को बढ़ावा
सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर चक्षु कहते हैं कि 22 लोगों की छोटी सी टीम इसके जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। उनका ध्यान एंगेजमेंट बढ़ाने पर है। जिससे कि अधिक लोग संसद व सांसदों के कामकाज पर चर्चा का हिस्सा बन सकें। साथ ही लोगों से वर्कशॉप के जरिए भी सीधे संवाद का भी सहारा लिया जा रहा है। उनके मुताबिक आपकी जिम्मेदारी वोट देने पर ही खत्म नहीं हो जाती बल्कि कानून बनाने की प्रक्रिया से भी जुड़ना जरूरी है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari