RANCHI : झारखंड पुलिस के कनीय पुलिसकर्मी अगर बीमार पड़ जाएं तो उन्हें इलाज के लिए समय पर जरूरत के अनुरुप सहायता राशि नहीं मिल पाएगी। दरअसल, पुलिस कर्मियों को बीमारी की स्थिति में पुलिस हेडक्वार्टर से सहायता राशि उपलब्ध कराने की व्यवस्था है, लेकिन वहां से इन्हें इलाज के हिसाब से फंड रिलीज नहीं किया जा रहा है। ऐसे में बीमार पुलिसकर्मियों को बेहतर इलाज में पैसे की तंगी झेलनी पड़ रही है।

दे रहे हैं एक दिन का वेतन

पुलिस हेडक्वार्टर से बीमार पुलिसकर्मी को सहायता नहीं मिलता देख पुलिस मेंस एसोसिएशन सामने आया है। एसोसिएशन के मेंबर्स बीमार पुलिसकर्मी को एक दिन का वेतन दे रहे हैं, ताकि उसका इलाज बेहतर तरीके से हो सके। इतना ही नहीं, एसोसिएशन ऐसे बीमार जवानों के आंकड़े भी जुटा रही है, ताकि उनके परिजनों को इसका लाभ दिया जा सके।

आईपीएस की तरह मिले मेडिकल फैसिलिटी

एसोसिएशन की मांग है कि आईपीएस की तर्ज पर ही पुलिसकर्मियों को मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध कराई जाए। जब हम सभी वर्दी धारी हैं तो हमारे लिए नियम दो प्रकार की क्यों रहेगी। कनीय पुलिसकर्मी समुचित इलाज नहीं होने के कारण असमय मृत्यु को प्राप्त कर रहे हैं, जबकि वे राज्य व जनता की सुरक्षा के लिए चौबीस घंटे अपनी सेवा देते हैं।

राशि रिलीज करने में नहीं हो कोई विलंब

झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि जब पुलिसकर्मी इलाज की राशि के लिए आवेदन देते हैं तो कल्याण विभाग में राशि जारी होने में 15 दिन का समय लगता है। उन्होंने सरकार और पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों से मांग की है कि वे इस समस्या के समाधान के लिए तत्पर हों, ताकि आरक्षी संवर्ग और कनीय संवर्ग के पुलिसकर्मी और उसके परिजनों को राहत मिल सके।

बीमार पुलिसकर्मियों का ये है आंकड़ा

राज्य के पुलिसकर्मी बीमार पड़ रहे हैं, इस संबंध में झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन ने आईपीएस अधिकारी रेजी डुंगडूंग को लिखा था। इसमें बीमार पुलिसकर्मियों की संख्या भी दर्शाया था। बताया गया था कि वर्ष 2011 में अंतवार्सी 403 तथा बाह्यवासी 9291, 2012 में 400 तथा 121्र319 रोगी, 2013 में 321,9491, 2014 में 315, 10186, 2015 270, 10914 तथा 2016 में 211 तथा 9673 शामिल हैं।

Posted By: Inextlive