मानव संसाधन विकास एचआरडी मंत्रालय ने कॉलेज शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इसके अनुसार कॉलेज शिक्षकों की प्रोन्नित के लिए शोध करना अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि शिक्षकों को छात्रों के साथ सामुदायिक गतिविधियों में अधिक शामिल रहना होगा।


शोध कार्य प्रोन्नति के लिए जरूरीमानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उच्च शिक्षा पर दो दिवसीय स मेलन के दौरान शनिवार को शोध अनिवार्य होने के नियम को हटाने का एलान किया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही आधिकारिक तौर पर घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि शोध की जगह वह चाहते हैं कि शिक्षक छात्रों से जुड़ी गतिविधियों में शामिल हों। हम एक सामुदायिक गतिविधि या छात्रों से जुड़ी गतिविधि को अनिवार्य बनाएंगे। शिक्षकों को इसी आधार पर अंक दिए जाएंगे। जावड़ेकर ने कहा कि मौजूदा समय में कॉलेज शिक्षकों के लिए यूनिवर्सिटी प्रोफेसरों की तरह शोध कार्य प्रोन्नति के लिए जरूरी है। लेकिन हमें समझना चाहिए कि दोनों एकदम भिन्न श्रेणी के शिक्षक हैं। शिक्षण कार्य करना चाहिए
कॉलेज शिक्षक को मुख्य रूप से शिक्षण कार्य करना चाहिए। जब शोध अनिवार्य होगा तो शोध पूरी तरह रुक जाएगा। केवल शोध करने के लिए शोध कार्य से शोध की गुणवत्ता गिर रही है। एचआरडी मंत्रालय एकेडमिक परफोर्मेंस इंडेक्स (एपीआइ) में बदलाव लाने के लिए एक योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत कॉलेज शिक्षकों के लिए शोध कार्य को ऐच्छिक बनाया जाएगा। एपीआइ के मानदंड के आधार पर कॉलेज शिक्षकों को प्रोन्नति दी जाती है।

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Posted By: Shweta Mishra