आई एक्सक्लूसिव

- यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में की गई बड़ी खोज

- एएफसी फल और पेड़ के साथ ह्यूमन बॉडी पर भी असरकारक

- ह्यूमन जीन से मिलने वाले सीएलीगेंस निमेटोड पर किया परीक्षण

- खोजे गए कंपाउंड से बढ़ेगी मानव और पेड़ पौधों की जिंदगी

लेखचंद

रूद्गद्गह्मह्वह्ल: सीसीएस यूनिवर्सिटी भले ही बदनाम हो, लेकिन यहां के रिसर्च इसे ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में हुए एक रिसर्च से यूनिवर्सिटी का नाम दुनिया में ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। इसके अनुसार पेड़ पौधे, फल, बीज और ह्यूमन बॉडी की लाइफ इंक्रीज हो जाएगी। यानी इंसान हो या पौधे, सभी अधिक समय तक अपना जीवन बिताएंगे।

रिसर्च का बेस

यूनिवर्सिटी में स्थित माइक्रोबायोलॉज डिपार्टमेंट में एक सी-एलीगेंस नीमेटोड की खोज की गई। इसके लक्षण ह्यूमन जीन जैसे ही हैं। इस नीमेटोड के जरिए कई परीक्षण किए गए। जो इफेक्ट ह्यूमन बॉडी पर होते हैं वही इन सी-एलीगेंस नीमेटोड पर भी हुए। इससे साफ हो गया कि जो एक्सपेरीमेंट ह्यूमन बॉडी पर किए जाते हैं वो इन नीमेटोड पर किए जा सकते हैं। सबसे बड़ी बात ये कि यह सी-एलीगेंस हमारे यहां मिट्टी में पाए जाते हैं। ये मेल और फीमेल दोनों एक ही होते हैं।

इनको देखकर किया गया रिसर्च

इंसान के अंदर पाए जाने वाले रोग मोटापा, शुगर, मिर्गी का दौरा और कई अन्य बीमारियों के लिए बाजार में मिलने वाली दवाइयों से साइड इफेक्ट होते हैं। अगर हम इन सी-एलीगेंस नीमेटोड के जरिए एक्सपेरीमेंट्स करें तो ह्यूमन बॉडी पर परीक्षण करने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही दवाइयों से होने वाले इफेक्ट्स सेम इन सी-एलीगेंस पर भी होते हैं, जिससे ह्यूमन बॉडी के साइड इफेक्ट्स का पता चल सकता है। इसके साथ ही एक नई खोज को जन्म भी दिया गया। जिसको एंटीफंगल कंपाउंड कहा गया। जिसको इस डिपार्टमेंट के प्रोफेसर दीपक चंद ने तैयार किया।

बड़ी रिसर्च

माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। दीपक चंद शर्मा ने गंगा के जल से एक बैक्टीरिया खोजा। हालांकि यह बैक्टीरिया पहले खोजा जा चुका है, लेकिन इस बैक्टीरिया से आगे क्या-क्या हो सकता है, इसको डॉ। दीपक ने अपनी रिसर्च से आगे बढ़ाया। जिन्होंने बैक्टीरिया को प्यूरीफाई किया और फिर इस पर कैमीकल रिएक्शन किए। जिससे कई ऐसे चौकाने वाले तथ्य सामने आए, जिससे जिंदगी को नया सूत्र मिलने की संभावनाएं बढ़ गई। इस नई खोज से पेड़ पौधे, फल और ह्यूमन लाइफ को इंक्रीज किया जा सकता है। यह सब एक्सपेरीमेंट के जरिए पता चला।

ये हैं संभावनाएं

खोजा गया यह बयोकेमिकल कंपाउंड (बेसीलस कंपाउंड) एक नई खोज सिद्ध हुआ, जिसको एंटी फंगल कंपाउंड (एएफसी) का नाम दिया गया। दीपक चंद शर्मा के अनुसार इंडियन इकोनॉमी की बैक बोन एग्रीकल्चर है, लेकिन आजकल कृषि कई फंगल पेथोजेन के कारण फसल खराब हो रही है। इनकी क्वालिटी कई बीमारियों के कारण लगातार गिर रही है। फल, सब्जी और पेड़-पौधों में केमीकल का यूज होने से ह्यूमन बॉडी पर भी इफेक्ट पड़ रहा है, जिससे दिनों दिन लाइफ कम हो रही है। लेकिन इस एंटी फंगल कंपाउंड के जरिए लाइफ इंक्रीमेंट का रास्ता मिला।

बढ़ गई लाइफ

तैयार किए गए इस एंटी फंगल कंपाउंड को मच्छरों के लार्वा पर एक गड्ढे में डाला गया, जिससे सामने आया कि यहां मच्छर दोबारा पैदा नहीं हुए। इसके बाद इसको सब्जी और पेड़ों में प्रयोग किया गया। जिस पेड़ की ग्रोथ कम थी वह इस कंपाउंड के डालने से ग्रोथ बढ़ गई। फलों में पाया जाने वाला ड्रोसोफिला कीड़ा सड़न पैदा करता है, जिससे फल सड़ जाते हैं। इस कंपाउंड का यूज करने से फल को सड़ाने वाले कीड़े मर गए और उसकी लाइफ बढ़ गई। इस कंपाउंड का यूज अंकुरण के लिए भी किया गया। जिसके अनुसार देखा गया कि जहां पहले दस बीज में से पांच ही अंकुरित होते थे अब इसके यूज से उनकी संख्या भी बढ़ गई।

ह्यूमन लाइफ भी बढ़ेगी

इस कंपाउंड को ह्यूमन पर यूज करने की बात आई तो सी-एलीगेंस पर इसको प्रयोग किया गया, जिससे सी-एलीगेंस मरा नहीं, यानि ह्यूमन बॉडी पर इसका इफेक्ट नहीं होगा। इससे यह भी सामने आया कि उम्र के साथ इंसान की इम्यूनिटी कम होने लगती है, जिससे इंसान के अंदर कई बीमारियां पनप जाती हैं। जैसे फेफड़ों की बीमारी, स्किन डिजीज, एड्स और बुजुर्गो में मिलने वाली भूलने की बीमारी हो जाती है। इससे आदमी की उम्र भी कम हो जाती है। इंसान की बॉडी में कैंडिडा एल्बीकेंस, एसपरगीलस नाइजर व अस्टीलेगो मायडिस फंगस पाया जाता है, जिससे इंसान में अधिकतर बीमारियां पैदा होती हैं। इस को ऐसे सी-एलीगेंस पर यूज किया गया जिनको पहले बीमारियों वाले फंगल से इंफेक्ट कराया गया था। यह कंपाउंड उन पर असरकारक सिद्ध हुआ।

यूएसए से मंगाए जाएंगे म्यूटेंट

इस कंपाउंड को आगे रिसर्च के लिए यूएसए से म्यूटेंट मंगाए जा रहे हैं, जिन पर इसके प्रयोग से काफी कुछ सामने आएगा। इस रिसर्च से यह भी सामने आया कि ह्यूमन लाइफ को काफी बढ़ाया जा सकता है। बॉडी में होने वाली जो दिक्कतें हैं उनको खत्म करने में यह कंपाउंड काफी सहायक होगा। जो फल को सड़ने से बचाएगा, पेड़ पौधे और मानव लाइफ को बढ़ाएगा। अभी इसको स्ट्रक्चर देना बाकी है, जो जल्द ही होगा।

- डॉ। दीपक चंद शर्मा, प्रोफेसर माइक्रोबायोलॉजी

Posted By: Inextlive