- पोस्टमार्टम में केवल एक सरकारी कर्मचारी, बाकी सब बाहरी

- अज्ञात शवों को मुर्दाघाट तक ले जाते हैं रिक्शा वाले

- यही लोग तांत्रिकों को सप्लाई कर रहे शवों की लीवर-किडनी

Meerut: एलएलआरएम मेडिकल कैंपस में मौजूद पोस्टमार्टम हाउस में बॉडी पार्ट्स तांत्रिकों को बेचे जाने का मामला सामने आया है। जिसको लेकर डीएम स्तर से जांच भी बैठाई गई है। इसका खुलासा एक स्टिंग के जरिए हुआ, जिसमें पोस्टमार्टम हाउस पर काम करने वाले एक व्यक्ति को मानव अंग बेचते हुए दिखाया गया। खास बात ये कि जिस व्यक्ति को यहां मानव अंग बेचते हुए दिखाया गया वह इस पीएम हाउस में कर्मचारी नहीं है। सबसे बड़ी बात ये कि बॉडी पा‌र्ट्स निकालने का यह खेल अननोन बॉडी से होता है। हालांकि इसकी जांच चल रही है खुलासा बाकी है।

यह है मामला

कुछ दिन पहले पोस्टमार्टम हाउस से एक स्टिंग के दौरान मानव अंग निकालकर बेचे जाने का सीन सामने आया था। जिसमें कलेजा व हार्ट बेचते हुए एक व्यक्ति को दिखाया गया। जब मामला खुलकर सामने आया तो मानव अंग बेचने वाला यह व्यक्ति इस पीएम हाउस पर परमानेंट नहीं है। यह रिक्शा चालक है और अननोन बॉडी को लाने व ले जाने का काम करता है। पीएम हाउस पर रहता है और यहां सालों से पीएम कराने में भी सहायता करने लगा है। अननोन बॉडी को पीएम के बाद मुर्दा घाट पर ले जाने तक का इसका काम है। साथ ही पीएम कराने वालों से भी थोड़ा पैसा ले लेता है।

एक ही सरकारी कर्मचारी

इस पीएम हाउस पर केवल एक ही सरकारी कर्मचारी श्यामलाल है। लंबे अर्से से यहां पीएम करता है। श्यामलाल काफी समय से बीमार भी चल रहा है। चौबीस घंटे में जब भी पीएम होता है तो इसको ही बुलाया जाता है। जिसका कहना है कि वह अपनी सरकारी नौकरी क्यों खोएगा। बीस साल से अधिक की नौकरी में आजतक उस पर कभी ऐसा आरोप नहीं लगा। जिस व्यक्ति का इस क्लिपिंग में फोटो है वह रिक्शा चलाता है और अननोन बॉडी को लाना और ले जाना इसका काम है। यह व्यक्ति अधिकतर पीएम पर ही रहता है। नॉन बॉडी से यह कोई छेड़छाड़ भी नहीं कर सकता।

अननोन के पा‌र्ट्स का खेल

डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि नॉन बॉडी का पीएम डॉक्टर्स और फार्मासिस्ट के सामने होता है। इसके बाद परिजनों को यह बॉडी पीएम के तुरंत बाद दे दी जाती है। इस बॉडी से पा‌र्ट्स निकालना मुमकिन नहीं है। लेकिन अननोन बॉडी को 72 घंटे रखा जाता है और फिर इसका पीएम होता है। जिसको पीएम करने के बाद सूरजकुंड अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया जाता है। कभी तो अननोन बॉडी का पीएम रिक्शा चलाने वाला यह व्यक्ति ही कर देता है। इसका जिम्मा सरकारी विभाग का होता है। पुलिस वाले ही इस बॉडी के अंतिम संस्कार तक का खर्चा करते हैं। जो कुछ संस्थाओं से मिलकर किया जाता है। विभाग का कहना है कि इस मामले में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

पोस्टमार्टम हाउस में शवों से मानव अंग निकालने के प्रकरण की जानकारी के बाद जांच बैठा दी गई। एसडीएम सदर इस मामले की जांच करेंगे। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

-पंकज यादव

जिलाधिकारी, मेरठ

Posted By: Inextlive