RANCHI: स्टेट में एक तरफ जहां ह्यूमन ट्रैफिकर्स के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ट्रैफिकर्स बेलगाम होते जा रहे हैं। उन्हें रोक पाना पुलिस और प्रशासन के बूते से बाहर की बात नजर आ रही है। रूरल एरिया के सीधे-साधे लोगों को डरा-धमका कर और दहशत फैलाकर चुप करा दिया जा रहा है। फिर उनकी बेटियों, बहु को काम के नाम पर दूसरे राज्यों में भेज दिया जा रहा है। आंकड़े हर दिन भयावह होते जा रहे हैं। झारखंड की 16 बेटियां मानव तस्करों के चंगुल से आजाद होकर रांची पहुंचीं और उन्होंने जब अपनी आपबीती सुनाई तो लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे।

काम का लालच देकर दुष्कर्म

मानव तस्करों ने इन्हें अच्छी नौकरी का लालच देकर दिल्ली और हरियाणा में बेच डाला। इनमें से कुछ लड़कियों के साथ दुष्कर्म की वारदात को भी अंजाम दिया गया है। ये लड़कियां दिल्ली में गिरफ्तार की गई कुख्यात मानव तस्कर प्रभा मुनि के जरिए बेची गई थीं।

प्रभा मिंज का पति करता था रेप

किसी तरह गुमनामी और तस्कर के चंगुल से बच कर निकली लड़कियों ने कुछ ऐसी बातें भी बताईं जो किसी की भी रूह कंपा दे। एक लड़की ने बताया की मानव तस्कर प्रभा मिंज का पति उसके साथ बड़ी ही बेरहमी से मारपीट करता था। हर दिन वह उसके साथ गलत काम किया करता था। विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी जाती थी।

छोटे-छोटे बैग में बिना समेटे कपड़े

दिल्ली से आई सभी 16 लड़कियों के चेहरे पर राहत साफ नजर आ रही थी। अपने कपड़ों को बिना समेटे छोटे-छोटे बैग्स में किसी तरह भरकर सभी रांची पहुंची थीं। ये लड़कियां दिल्ली और आसपास के कई इलाकों से रेस्क्यू कर लाई गई हैं। झारखंड के अलग-अलग जिलों की इन लड़कियों को कभी पैसे के नाम पर तो कभी गरीबी के नाम पर और कभी काम के नाम पर दिल्ली जैसे मेट्रो सिटी में बेच दिया गया। इसके बाद इनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया गया।

कई घर का पता भी भूल गई

अपने राज्य लौटी कुछ लड़कियों को अपने घर के बारे में भी जानकारी तक नहीं है। उन्हें काफी कम उम्र में ही बाहर भेज दिया गया जिसके कारण उन्हें घर का पता तक याद नहीं रहा। कुछ लड़कियों ने बताया कि पेट भरने के नाम पर उनको एक वक्त मात्र दो रोटी दी जाती थी। पुलिस की कई टीमें इन लड़कियों को उनके घर तक पहुंचाने की कोशिश में जुटी हैं।

वर्जन

पुलिस ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ कई सालों से लगातार अभियान चला रही है। कई एनजीओ भी सशक्त रूप से इस अभियान का हिस्सा बनी हैं। इसके बावजूद भी ट्रैफिकिंग की घटनाएं पूरी तरह नहीं रुक रही हैं। स्थानीय लोगों को बेखौफ होना होगा और बच्चियों को जागरुक होना होगा तभी इसपर लगाम लग सकती है।

एवी होमकर, डीआईजी, रांची

हमलोगों को काम के बहाने पहले दिल्ली ले जाया गया। वहां कुछ दिन रखने के बाद फिर से वहां से राजस्थान भेज दिया गया। इस बीच मेरे और मेरे साथ रह रही दो अन्य लड़कियों के साथ वह लोग रेप करते रहे। हमारे साथ मारपीट की जाती थी और पेट भरकर खाना तक नहीं दिया जाता था। जानवरों की तरह काम कराया जाता था और रात में प्रताडि़त किया जाता था।

पीडि़ता

Posted By: Inextlive