सभी मेडिकल सेवाएं ठप पैथोलॉजी लैब भी रही बंद

मांगों को लेकर सड़क पर उतरे सैकड़ों डॉक्टर्स

प्रदर्शन करते हुए ममता बनर्जी हाय-हाय के लगाए नारे

प्रोटेक्शन कानून के तहत मारपीट करने वालो को आतंकवादी घोषित करने की उठाई मांग

आज सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी हड़ताल

Meerut. डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से देशव्यापी हड़ताल में सोमवार को मेरठ के डॉक्टर्स भी शामिल हो गए. सुबह 6 बजे से शहर की सभी प्राइवेट मेडिकल सेवाएं ठप कर दी गई. सैकड़ों डॉक्टर्स सड़क पर उतर आए. डॉक्टर्स ने ममता बनर्जी हाय-हाय के नारे भी लगाएं. इस सबसे मरीज भी हैरान-परेशान रहे. हालांकि इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं चालू रही. 24 घंटे की ये हड़ताल मंगलवार आज सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी.

सड़क पर निकाला विरोध मार्च

पश्चिम बंगाल में डॉक्टर्स के साथ हुई हिंसा के खिलाफ मेरठ के डॉक्टर्स का आंदोलन बरकरार है. इस दौरान आईएमए हॉल में डॉक्टर्स की जनरल बॉडी की मीटिंग हुई. उसके बाद आईएमए हॉल से लेकर कमिश्नरी चौराहे तक 400 से ज्यादा डॉक्टर्स ने पैदल मार्च निकाला. इस दौरान सभी ने एक सुर में ममता बनर्जी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही सरकार से जल्द से जल्द से मांगें भी पूरी करने की मांग की. आईएमए अध्यक्ष डॉ. शिशिर जैन ने कहा कि डॉक्टर्स के खिलाफ होने वाली हिंसा को अब किसी भी कीमत पर बर्दाशत नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा की मांग को लेकर देशभर के डॉक्टर्स एक हैं. आए दिन डॉक्टर्स के साथ मारपीट की घटनाएं बढ़ने से हम अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे है. इस दौरान डॉ. वीरोत्तम तोमर, डॉ. अनिल नौसरान, डॉ. उमंग अरोड़ा, डॉ. जेवी चिकारा, डॉ. तनुराज सिरोही, मेरठ नर्सिग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अंबेश पंवार, डॉ. अनुपम सिरोही, डॉ. मनीषा तोमर, डॉ. चारू गर्ग, डॉ. सुशील गुप्ता, डॉ. मेधावी तोमर, डॉ. निखिल गोयल, डॉ. रवि भगत और डॉ. अंजु रस्तोगी आदि शामिल रहे.

ये हैं मुख्य मांगें..

पश्चिम बंगाल में दोषियों पर त्वरित कार्रवाई करके शांति व्यवस्था बहाल हो.

मेडिकल प्रोफेशनल्स के साथ होने वाली हिंसा से निपटने के लिए केंद्रीय कानून बनाया जाए.

अस्पतालों को सेफ जोन घोषित किया जाए.

डॉक्टर्स की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए.

हिंसा करने वालो को आतंकवादी मानते हुए उनकी तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान हो.

डॉक्टर्स की हड़ताल से मरीज बेहाल

सोमवार को डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते सभी प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी बंद होने की वजह से मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. गांव-देहात समेत दूर से आने वाले मरीजों को बिना इलाज वापस लौटना पड़ा. जबकि पैथोलॉजी लैब बंद होने की वजह से सैकड़ों मरीजों की जांच भी नहीं हो सकी. प्राइवेट क्लीनिकों पर जहां पूरी तरह से ताले लटके रहे वहीं नर्सिग होम्स में भी सिर्फ आपातकालीन स्थिति में ही मरीजों को इलाज मिल सका.

सरकारी अस्पताल में भीड़

डॉक्टर्स हड़ताल का असर सरकारी अस्पतालों पर भी देखने को मिला. इस दौरान जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में ओपीडी में मरीजों को तदाद काफी रही. जिला अस्पताल में मेडिसिन विभाग में अन्य दिनों की अपेक्षा मरीजों की संख्या में करीब 20 प्रतिशत का इजाफा रहा. मेडिकल कॉलेज की स्थिति भी ऐसी ही रही. सीएचसी, पीएसची व शहरी हेल्थ सेंटर्स पर भी मरीजों का तांता लगा रहा. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से सीएचसी, पीएसची व शहरी हेल्थ सेंटर्स पर पहले ही अतिरिक्त व्यवस्थाएं करवा दी गई थी.

फैक्ट फाइल

हड़ताल में शामिल रहे डॉक्टर्स - 1300 से ज्यादा

हड़ताल से प्रभावित ओपीडी मरीज - 14 हजार से अधिक

मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में मरीजों की संख्या - 4159

जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या - 1708

हड़ताल को लेकर हमारे यहां सभी प्रबंध किए गए थे. मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई.

डॉ. आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज

मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी गई. सीरियस मरीजों को इमरजेंसी में इलाज दिया गया है. सभी जगह इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं.

डॉ. वीरोत्तम तोमर, पूर्व आईएमए अध्यक्ष

हमें हड़ताल की जानकारी नहीं थी. जानी से दवाई लेने आएं थे. इतनी दूर आने-जाने में किराया और समय दोनों खर्च हुए, परेशानी भी बहुत हुई है.

कोमल जैन, मरीज

पूरा दिन बर्बाद हो गया. बहुत देर तक क्लीनिक के बाहर ही बैठे रहे. किसी ने बताया नहीं कि हड़ताल है. दूर से दवाई लेने आए थे.

बबली, मरीज

मेडिकल में डॉक्टर्स की टोकन हड़ताल

आईएमए को सपोर्ट करते हुए मेडिकल कॉलेज की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) ने सोमवार को टोकन हड़ताल की. जिसके तहत दोपहर 1.45 बजे से 2 बजे तक डॉक्टर्स हड़ताल पर रहे. सुबह ओपीडी समेत पूरे दिन डॉक्टर्स ने सिर पर पट्टी बांधकर ही मरीजों की जांच की. आरडीए के अध्यक्ष विनय कुमार ने बताया कि रविवार को कार्यपरिषद की बैठक में मरीजों के हितों को देखते हुए सर्वसम्मति से हड़ताल न करने का निर्णय लिया गया था. मगर विरोध जाहिर करते हुए सोमवार को सभी डॉक्टर्स ने पट्टी बांधकर काम किया. टोकन हड़ताल के बाद मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉक्टर आरसी गुप्ता से मिलकर डॉक्टर्स की सुरक्षा एवं मरीजों को सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए ज्ञापन भी दिया. जिससे भविष्य में मरीजों और डॉक्टर्स के झगड़े की संभावना खत्म हो जाए.

Posted By: Lekhchand Singh