सत्‍यमेव जयते करने के बाद अपने अंदर आए चेंजेस के बारे में बात करते हुए एक्‍टर प्रोड्यूसर और सोशल एक्‍टिविस्‍ट आमिर खान का कहना है कि अब वो बेहद इमोशनल शख्‍स बन गए हैं और इसका रिलेशन उनके कमाई करने के तरीकों से नहीं है.

किसी भी योग को करने का बेसिक पर्पस होता है अपनी सांसों की और मन की शुद्धता. जब तक इंसान का मन शुद्ध नहीं हो जाता तब तक वह पूरी तरह से एक अच्छा इंसान नहीं कहा जा सकता. इस बारे में जब मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान से बात की गई तो उनका कहना था, 'आप समाज को क्या देते हैं, इससे कम महत्वपूर्ण नहीं है कि आप खुद को क्या देते हैं. मैंने सत्यमेव जयते करके खुद को एक बिल्कुल अलग जज्बाती इंसान बना डाला.'
पैसा नहीं कुछ और कमाया है सत्यमेव जयते से
उनके खुद को जज्बाती कहने पर यह सवाल उठ गया कि वह तो सत्यमेव जयते के एक एपिसोड के लिए तीन करोड़ लेते हैं. लेकिन इस बात को बहुत ही आसानी से क्लैरिफाई करते हुए उनका कहना था, 'कुछ लोग कहते हैं इस शो में मेरा कंट्रीब्यूशन जो है, उसे आप पैसे से नहीं तौल पाएंगे. अर्थशास्त्र के लिहाज से देखें तो इस शो को करने से मुझे 200-300 करोड़ का घाटा हर साल हुआ, जो मैं फिल्मों से आसानी से कमा सकता था. लेकिन मैंने कमाया बहुत है. देश की सच्चाई को बड़े ही नजदीक से देखा. यह शो मेरे दिल के बेहद करीब है. यही वजह है कि 2015 में भी मेरी एक भी फिल्म नहीं आएगी. हां, अगले साल सत्यमेव जयते नहीं करूंगा क्योंकि हम गंभीर मुद्दे उठाते हैं जिसका हम पर गहरा असर होता है. बहुत करीब से हम लोग सच्चाई को देखते हैं.
बदलाव के लिए खुद को अच्छा बनाना होगा
आमिर का मानना है कि जब अच्छाई और बुराई की बात होती है तो सिनेमा हो या साहित्य हर जगह आपको अच्छाई और बुराई दोनों दिखेंगी. आप और हम बदलेंगे तभी समाज और देश बदलेगा. देश के नागरिक अच्छे होंगे तो देश भी अपने आप अच्छा हो जाएगा.' आमिर कहते हैं, 'हम सबको अपनी आनेवाली पीढ़ी के लिए के लिए प्रयास करना होगा. अगर कुछ गलत हो रहा है तो हर स्तर पर उसका विरोध होना चाहिए. चुप्पी कभी किसी समस्या का हल नहीं हो सकती. इससे तो बस गलत करनेवालों के हौसले बढ़ते हैं. अपनी और अपने समाज की बेहतरी के लिए हर कोई बदलाव चाहता है.
इको फ्रेंडली बनिए और विकास की गति बढ़ाइए
देश की भौगोलिक और आर्थिक जरूरतों के मुताबिक विकास होना चहिए. अपने देश में कहीं भी साइकिल के लिए अलग लेन नहीं है. जबकि यह बहुत जरूरी है. मैं एक बार शूटिंग के सिलसिले में ही एम्सटर्डम में था. वहां पहले ही दिन देखा कि लोग बड़े आराम से साइकिल से आ-जा रहे हैं. बाद में मैंने अपने मैनेजर से कहा कि एक दिन हमलोग भी साइकिल चलाते हैं. प्लान एक दिन का था, लेकिन मैंने वहां दो हफ्ते तक हर दिन साइकिल चलाई. साइक्लिंग से ना सिर्फ आप हेल्दी रहते हैं बल्कि पॉल्यूशन नहीं होता और ट्रैफिक लोड कम करता है. सबसे अहम बात ये कि साइकिल की रफ्तार आपको आसपास से जोड़े रखती है. साइकिल चलाते हुए आप अपने आसपास से जुड़े रहते हैं. आप अपने इर्द-गिर्द हर चीज को करीब से महसूस करते हैं और मजा लेते हैं. यह आनंद गाड़ी से चलने पर आप कतई फील नहीं कर सकते हैं.

साथ काम कर सकते हैं तीनों खान
मेरा मानना है कि बस आपके हाथ में मेहनत करना होता है. दुनिया में कोई भी चीज परमानेंट नहीं रह सकती. मेरा किसी से कोई बैर भाव नहीं है. कोई मजेदार स्क्रिप्ट हो और ऑफर मिले तो तीनों खान भी साथ काम कर सकते हैं. इसमें मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी. मेरा मानना है कि रिश्ते तो दिल से ही बनते हैं. ऐसा कोई काम नहीं करता हूं, जिससे खुद को कभी शर्मिंदगी उठानी पड़े. मैं आज फेमस एक्टर हूं, लोग पसंद करते हैं. लकिन अगर मैं एक्टर नहीं होता तो टीचर होता. मुझे शिक्षक काफी प्रभावित करते हैं. समाज के लिए उनकी जिम्मेदारी बहुत महत्वपूर्ण है.
(जागरण समूह के पत्रकारों से एक्सक्लूसिव इंटरेक्शन में आमिर खान ने जैसा कहा)

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Posted By: Molly Seth