वोमेन रिलेटेड इश्यूज को उठाने के लिए फेमस सोशल एक्टिविस्ट और एक्ट्रेस नंदिता दास महसूस करती हैं कि लेडीज अब भी पॉवरफुल नहीं हैं.


नंदिता दास को लगता है कि वोमेन अपने डेली रुटीन में स्टीरियो टाइप बिलीव्स को फेस करती हैं. उन्होंने कहा कि जब वह 2008 में हिंदी पॉलिटिकल थ्रिलर फिल्म ‘फिराक’ का डायरेक्शन  कर रही थीं तब उन्हें इस टिपिकल माइंडसेट को फेस करना पड़ा था. एक लेडी जब भी उन बैरियर्स को तोडऩे की कोशिश करती है तो उसे इसका सामना करना पड़ता है। 44 साल की नंदिता दास ने कहा कि ‘फिराक’ की मेकिंग के समय बहुत लोग मुझसे पूछते थे कि कैसे एक वोमेन डायरेक्टर हो सकती है. लेकिन जब आप डायरेक्शन करते हैं तब आपको यह नहीं लगता है कि आप औरत हैं या नहीं.   Hindi news from Entertainment News Desk, inextlive

Posted By: Chandramohan Mishra