भारतीय एथलीट दुती चंद अब अपना अधूरा सपना फिर से पूरा कर सकेंगी। Court of Arbitration for Sport CAS ने मान लिया है कि वह एक महिला हैं। कैस ने उन्‍हें बड़ी राहत देते हुए एकबार फिर अपना करियर शुरु करने की इजाजत दे दी है। आइए जानें क्‍या हुआ था दुती चंद के साथ....

जिंदगी ने रुला दिया
अंडर-18 में 100 मीटर की फर्राटा महिला चैंपियन धावक दुती चंद के लिए पिछला 1 साल बमुश्किल कटा। दुती चंद का कहना है कि, उनके ऊपर बैन लगना किसी बड़े सदमे से कम न था। रोज-रोज आंसूओं से गीला मेरा चेहरा मेरे दर्द की कहानी साफ बयां करता था। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली दुती चंद के लिए कॉमनवेल्थ और एशियाड में मेडल जीतना एक सपना था लेकिन एक साथी खिलाड़ी द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद दुती अंदर से पूरी तरह टूट चुकी थीं। International Association of Athletics Federations (IAAF) ने उनके ऊपर बैन लगा दिया। लेकिन दुती ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने इसके खिलाफ 1 साल तक लड़ाई लड़ी और आखिरकार जीत हासिल कर ली।
पूरा करूंगी अधूरा सपना
दुती चंद के ऊपर बैन हटना उनके जीवन की सबसे बड़ी खुशी मानी जा रही है। दुती कहती हैं कि, उनके करियर का महत्वपूर्ण 1 साल निकल गया। लेकिन अब वह फिर से वापसी को तैयार हैं। जो सपना अधूरा रह गया वह अब पूरा होगा। मैं अब पहले से ज्यादा मेहनत करूंगी। फिलहाल दुती हैदराबाद की गोपीचंद एकेडमी में ट्रेनिंग ले रही हैं। वैसे दुती मानती हैं कि पिछले साल ओलंपिक है और वहां मेरा कैसा प्रदर्शन होगा इसके बारे में कुछ नहीं कह सकतीं। लेकिन हां आने वाले 5 साल मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण गुजरने वाले हैं।  

2 साल तक टला बैन

आपको बताते चलें कि पिछले साल जुलाई में दुती चंद पर पुरुष होने का आरोप लगाकर उनके ऊपर महिला प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पर बैन लगा दिया गया था। इसके चलते दुती एशियाड और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी हिस्सा नहीं ले पाईं थीं। इसके बाद दुती ने खुद पर लगे इस बैन के खिलाफ अपील की थी जिसे कैस ने स्वीकार करते हुए दुती पर 2 साल के लिए बैन हटा दिया है।
क्या था पूरा मामला
दरअसल यह पूरा केस दुती चंद के पुरुष होने को लेकर शुरु हुआ। साइंटिफिक भाषा में बात करें तो यह हाइपर एंड्रोजेनिज्म के अंतर्गत आता है। हाइपर एंड्रोजेनिज्म महिलाओं में पुरुष जैसे लक्षण को कहते हैं। इस कंडीशन में शरीर में टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा ज्यादा हो जाती है। हालांकि यह जीन की वजह से होता है। दुती चंद का जब पिछले साल टेस्ट किया गया तो यह टेस्टोस्टेरॉन अधिक मात्रा में पाया गया। जिसके बाद उनके ऊपर पुरुष होने का आरोप लगाकर बैन लगा दिया गया।
कोई स्पष्ट सबूत नहीं
CAS ने आईएएएफ के नियमों के खिजाफ दुती की अपील को आंशिक तौर पर सही पाया। CAS ने आदेश दिया कि इसके कोई स्पष्ट सबूत नहीं मिल पाए हैं ऐसे में दुती चंद को महिला प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से नहीं रोका जा सकता।

Hindi News from Sports News Desk

 

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari