रियलेटर्स ने जाना बिजनेस बढ़ाने का फंडा
-रियल इस्टेट बिजनेस को धार देने के लिए आई नेक्स्ट की ओर से 'नेक्स्ट जेन रियलेटर्स' प्रोग्राम का हुआ आयोजन
-रियल इस्टेट के कारोबारियों संग एक्सपर्ट्स ने की चर्चा VARANASIआधुनिकता के इस युग में कैसे अपने व्यापार को बढ़ाएं? और कैसे लोगों तक अपनी छाप छोड़ सके? ताकि चैलेंजिंग हो चुके आज के बिजनेस की दौड़ में टॉप पर बने रहें। इसी मकसद से रियल इस्टेट बिजनेस को गति देने के लिए आई नेक्स्ट की ओर से शनिवार को कैंटोनमेंट स्थित एक होटल में 'नेक्स्ट जेन रियलेटर्स' प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इसमें एक्स्पर्ट्स व सीनियर बिजनेसमेन ने रियल इस्टेट कारोबारियों को बिजनेस बढ़ाने का फार्मूला व फंडे की बेसिक जानकारियां दीं। एक्सपर्ट्स संग रियल इस्टेट कारोबारियों की प्रिंट व डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से रियल इस्टेट बिजनेस को धार देने पर चर्चा हुई। प्रोग्राम में शहर के जाने माने रियल इस्टेट से जुड़े कारोबारियों ने अपनी बात भी रखी।
ई रियल इस्टेट न्यूजपेपर भी होना चाहिए, ताकि रियल इस्टेट के रूल्स, इनवेस्ट से फायदे आदि की भी जानकारियां लोगों को मिल सकें। ऐसा कुछ न्यूजपेपर में आना चाहिए कि लोगों का रियल इस्टेट के प्रति खिंचाव हो, लोग कुछ नया जानने के लिए उत्सुक रहे। हालांकि अभी तक ऐसा कोई कॉलम न्यूजपेपर में नहीं आता है। इसे शुरू करना चाहिए।
सतीश कुमार दि वाटिका होम लि। रियल इस्टेट बिजनेस को लेकर न्यूजपेपर्स में वीकली कांसेप्ट भी कुछ होना चाहिए, ताकि सप्ताह में पब्लिक को रियल इस्टेट के बारे में अच्छी जानकारियां मिल सकें। हाउसिंग प्रोजेक्ट, सिंगल एरिया आदि की जानकारी जब मिलेगी तो लोग खुद रियल इस्टेट के प्रति खींचे चले आएंगे। संजय गुप्ता आकार हाउसिंग आज के समय में लगभग फ्भ् परसेंट बिल्डिंग्स अवैध हैं। कालोनियों में निजी मकानों को तोड़कर बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन चल रहा है। वीडीए से अप्रूव्ड भी नहीं है फिर भी उनका कंस्ट्रक्शन जारी है। ऐसे में कस्टमर्स को यदि कोई प्रॉब्लम होती है तो उसका असर जेनुइन बिल्डिंग पर पड़ता है। अवैध निर्माण रोका जाना चाहिए। कुछ कॉलम ऐसे अवैध बिल्डिंग पर पब्लिश भी होनी चाहिए ताकि कस्टमर्स गुमराह होने से बचें। मयंक गुप्ता, स्वास्तिक सिटी प्लैमर्स रियल इस्टेट बिजनेस में रुचि रखने वालों के लिए न्यूजपेपर में कुछ स्पेशल कॉलम होने चाहिए। आशियाना लेते वक्त हर कोई चाहता है कि अच्छे-अच्छे अपार्टमेंट्स में फ्लैट बुक हो। उसके बारे में वह पूरी इंफॉर्मेशन जुटाता है। फिर आशियाना लेने आता है। तो ऐसे लोगों के लिए वीकली रियल इस्टेट न्यूजपेपर होना चाहिए ताकि उन्हें नियम कायदे की इंफॉर्मेशन उसमें मिल सके।आकाश गुप्ता, रोमा
गु्रप हाउसिंग क्या है, सिंगल एरिया क्या है, फ्लैट का मानक क्या है। आदि इस तरह की इंफॉर्मेशन पब्लिक को मिलनी चाहिए। इसके लिए मीडिया से बेहतर और कोई विकल्प नहीं है। कस्टमर्स को अवेयर करने की जरूरत है। इसलिए एक कालम कस्टमर अवेयरनेस का होना चाहिए। न्यूजपेपर में यह जल्द ही शुरू हो जाना चाहिए जिससे हर किसी को अपने सपनों का आशियाना चुनने में कोई परेशानी न हो। सुशील राय, अवध ग्रुप