कैल्शियम कार्बाइड@100

- बैन होने के बावजूद शहर की दुकानों पर खुलेआम बिक रहा कैल्शियम कार्बाइड

- पकडे़ जाने पर जुर्माने सहित सजा का भी है प्रावधान

ALLAHABAD: इस सीजन में आम को जहरीला बनाने वाला केमिकल कैल्शियम कार्बाइड खुलेआम मार्केट में बिक रहा है। कोई भी बिना रोक-टोक इसे आसानी से खरीदकर घर ले जा सकता है। सोमवार को आई नेक्स्ट ने स्टिंग के जरिए इसका खुलासा किया। इतना ही नहीं दुकानदार इसे बेचने के पहले ग्राहक से पकाए जाने वाले आम की क्वांटिटी के बारे में भी पूछते हैं। यानि, जितनी जरूरत है उतना केमिकल अवेलेबल होगा। फल व्यापारियों को दिक्कत न हो इसलिए शहर की मंडियों के बाहर भी कैल्शियम कार्बाइड की बिक्री धड़ल्ले से जारी है।

कितना आम पकाना है

बैन होने के बावजूद शहर के अलग-अलग इलाकों में कैल्शियम कार्बाइड की खुलेआम बिक्री की हकीकत जानने के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर सबसे पहले चौक स्थित ठठेरी बाजार पहुंचा। गली में दाखिल होते ही एक दुकानदार से रिपोर्टर ने आम पकाने वाला केमिकल मांगा। इस पर दुकानदार ने खुद कहा कि कैल्शियम कार्बाइड चाहिए क्या? उसने बताया कि सौ रुपए प्रति किलो के रेट से केमिकल मिलेगा। जब रिपोर्टर ने कहा कि आधा किलो दे दो तो दुकानदार ने पूछा कि कितना आम पकाना है? जवाब में रिपोर्टर ने बताया कि दस किलो आम है। इस पर दुकानदार ने महज 20 रुपए का केमिकल देकर कहा कि इतने में आपका काम हो जाएगा। बैन होने के सवाल पर दुकानदार ने जानकारी नहीं होने का जवाब दिया। उसने कहा कि यह केमिकल तो कई सालों से बेचता चला आ रहा है। ठठेरी बाजार की हर तीसरी दुकान पर यह आसानी से अवेलेबल है।

भाई सीजन में डिमांड कुछ ज्यादा है

इसके बाद रिपोर्टर सीधे मुंडेरा मंडी पहुंचा। मेन गेट के पास स्थित दुकानों पर भी कैल्शियम कार्बाइड 80 से 100 रुपए प्रति किलो के रेट से आसानी से अवेलेबल था। दुकानदारों ने बताया कि इस सीजन में केमिकल की बहुत ज्यादा डिमांड होती है। जब तक बारिश नहीं होगी, फल व्यापारी भारी मात्रा में इसे ले जाकर आम पकाते हैं। आज तक किसी ऑफिसर ने इसकी बिक्री को लेकर हमसे सवाल-जवाब नहीं किया। इसके अलावा रामबाग और खुल्दाबाद की कुछ दुकानों पर भी कैल्शियम कार्बाइड आसानी से बिकता हुआ पाया गया।

ये भी है हॉर्मफुल

कैल्शियम कार्बोइड के जरिए आम को पकाने का खेल केवल मुंडेरा ही नहीं बल्कि नैनी, फाफामऊ और सोरांव मंडी में भी जारी है। उधर, मंडियों में केमिकल का यूज होने के बाद इसे जमीन पर फेंक दिया जाता है, जो कि यहां टहलने वाले जानवरों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। इसी तरह केले के सीजन में उसे भी कैल्शियम कार्बाइड के जरिए पकाकर मार्केट में बेचा जाता है। व्यापारियों ने बताया कि इस बार आम की फसल कमजोर है, इसलिए फ्यूचर में फल के दाम बढ़ सकते हैं।

Fact file

केमिकल का नाम- कैल्शियम कार्बाइड

रासायनिक नाम- cac2

प्रकृति- पानी के संपर्क में आने से एसिटिलीन गैस बनाता है, जो हल्की धातुओं की वेल्डिंग के काम आती है।

- मार्केट में महज सौ रुपए प्रति किलो के रेट से अवेलेबल है

- इसका यूज केला, संतरा, तरबूज और आम को आर्टिफिशियल तरीके से पकाने में किया जाता है।

- कैल्शियम कार्बाइड को इंडिया में pofa यानी प्रिवेंशन ऑफ फूड एडल्ट्रेशन एक्ट के section 44 aa के तहत स्ट्रिक्टली बैन किया गया है

- फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट ख्00म् के तहत इसकी और इससे पके फलों की बिक्री बैन की गई है। नियम का उल्लंघन होने पर जुर्माने के साथ म् महीने से दो साल की सजा का प्रावधान है।

Posted By: Inextlive