- अमृता कला वीथिका के सामने कॉलेजेस ने सजा रखी है एडमिशन की दुकान

- काउंसलिंग सेंटर तक पहुंचने से पहले ही कैंडिडेट्स को घेर ले रहे दुकानदार

GORAKHPUR : आइए, इधर आइए। हमारे कॉलेज में एडमिशन लीजिए। गवर्नमेंट की निर्धारित फीस दीजिए और दो साल में बन जाइए टीचर। कुछ ऐसे ही ऑफर्स मिल रहे हैं बीएड काउसंलिंग में आने वाले कैंडिडेट्स को। काउंसलिंग अमृता कला वीथिका में चल रही है, लेकिन एंट्री लेने से पहले ही आपको ये कॉलेज के दुकानदार घेर लेंगे। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने बतौर कैंडिडेट जब इन कॉलेज के प्रतिनिधियों का स्टिंग किया तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। किसी ने शासन की निर्धारित फीस में से पांच हजार की छूट का दावा किया तो कोई एडमिशन के बाद कॉलेज न आने की छूट देने को भी तैयार हो गया। जबकि मानक है कि बीएड क्लियर करने के लिए सेशन में 80 परसेंट अटेंडेंस होना मस्ट है। कुछ कॉलेजेस के लोग तो काउंसलिंग सेंटर के अंदर भी पैंफलेट बांटते नजर आए, जो कि नियमविरुद्घ है।

कॉलेज- चांद ग‌र्ल्स स्कूल (महाविद्यालय) बीएड कॉलेज, इटवा, सिद्धार्थनगर

रिपोर्टर- बीएड में एडमिशन लेना है।

दुकानदार- बिल्कुल मिलेगा।

रिपोर्टर - आपके कॉलेज में क्या-क्या सुविधा मिलेगी?

दुकानदार - शासन से जितनी फीस निर्धारित है, उसमें पांच हजार की रियायत देंगे।

रिपोर्टर - इसके अलावा और क्या सुविधा देंगे?

दुकानदार - किस प्रकार की सुविधा चाहते हैं?

रिपोर्टर - मैं रेगुलर कॉलेज नहीं आना चाहता। क्या ऐसा संभव है?

दुकानदार - बिलकुल जैसा चाहेंगे। वैसा ही होगा।

रिपोर्टर - इसके लिए पैसा भी देना पड़ेगा?

दुकानदार- पहले आप एडमिशन तो लीजिए।

कॉलेज - विद्या देवी कॉलेज ऑफ एजुकेशन, बासगांव, गोरखपुर

रिपोर्टर - आप क्या-क्या सुविधा दे रहे हैं?

दुकानदार - आप कैसी सुविधा चाहते हैं?

रिपोर्टर - देखिए, जो शासन से निर्धारित फीस है। वह मैं देने को तैयार हूं। बस कॉलेज न आना पड़े, ये सुविधा चाहता हूं।

दुकानदार - शासन से निर्धारित फीस तो जमा करनी पड़ेगी। रहा सवाल कॉलेज आने का, तो इसकी कोई जरूरत नहीं है।

रिपोर्टर - इसके लिए एक्स्ट्रा पैसे भी देने पड़ेंगे?

दुकानदार - नहीं, पैसे नहीं पड़ेंगे। कॉलेज आने की कोई जरूरत नहीं है।

रिपोर्टर - सही बोल रहे हैं न, कॉलेज नहीं आना पड़ेगा?

दुकानदार- बिल्कुल नहीं आना पड़ेगा। आप चाहें तो मेरा फोन नंबर भी ले सकते हैं।

इनकी सजी है दुकानें

- विन्दा पाल उग्रसेन पाल महाविद्यालय, सिकटहां, संतकबीरनगर

- केवला सुंदर स्नातकोत्तर महाविद्यालय, साथीपार, छपिया, गोरखपुर

- गंगा देवी कपिलदेव तिवारी महाविद्यालय, भुजैनी, संतकबीरनगर

- परमेश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय, मथुरानगर, आनंदनगर, महाराजगंज

- एनसी डिग्री कॉलेज, नाथ चंद्रावत महाविद्यालय, जगदीशपुर, गोरखपुर

- सिद्धेश्वर शीतलदेव नारायण महाविद्यालय, भरहेचौरा, भटनी, देवरिया

ये हैं एनसीटीई के नियम

- कोर्स?का ड्यूरेशन दो साल होगा।

- एग्जाम और एडमिशन के अलावा मिनिमम दो सौ वर्किग डेज होंगे। इनमें से मिनिमम 40 दिन नियर बाई प्राइमरी स्कूल में ट्रेनिंग के लिए होंगे।

- इंस्टीट्यूशन में सप्ताह भर में कम से कम 36 घंटे क्लासेज चलेंगी। इसमें टीचर्स और ट्रेनीज की 80 परसेंट अटेंडेंस कंपलसरी है।

- 90 परसेंट स्कूल इंटनर्शिप मस्ट है।

काउंसलिंग सेंटर के बाहर अगर कोई कुछ भी करता है तो इसके लिए यूनिवर्सिटी जिम्मेदार नहीं है। कैंपस के अंदर अगर कोई दुकान लगाता तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाती।

डॉ। जेपी विश्वकर्मा, को-आर्डिनेटर, बीएड काउंसलिंग डीडीयूजीयू

Posted By: Inextlive