सुपर मॉम मैरी कॉम ने लंदन ओलंपिक में ब्रांज मेडल जीतकर एक नजीर पेश की है. खासतौर पर उस खेल में जिसमें लडक़ों का बोलबाला है. लंदन से फोन पर आईनेक्स्ट रिपोर्टर Nikhil Sharma को दिए इंटरव्यू में उन्होंने साफ कहा कि ‘I wanted to challenge boys’ dominance’. बातचीत के कुछ अंश.

गोल्ड की उम्मीद थी, कमी कहां रही?
मेरा इरादा भी गोल्ड जीतने का ही था, लेकिन सेमीफाइनल में ग्रेट ब्रिटेन की बॉक्सर ने बेहतर परफॉर्मेंस दी। उसका डिफेंस शानदार था। कुछ फर्क मेरे वेट कैटेगरी बदलने पर आया। मैं इस कैटेगरी में थोड़ा असहज महसूस कर रही थी। कुछ हद तक लक भी मेरे साथ नहीं था।
 
आपकी बदौलत पहली बार इंडिया ने 4 मेडल जीते। कैसा लग रहा है?
निश्चित ही मैं गर्व महसूस कर रही हूं। ये मेडल मुझे देशवासियों की दुआ से ही मिला है। मैं खुश हूं कि देश को गौरवान्वित कराने में मैंने अहम रोल निभाया है।
आपने साबित कर दिया लड़कियां लडक़ों से कम नहीं है?
मैंने अगर बॉक्सिंग शुरू की थी, तो सिर्फ इसीलिए कि मैं लडक़ों के खेल में चैलेंज देना चाहती थी। मैं खुश हूं कि मैंने ये कर दिखाया। ये ब्रांज मेडल मेरे और देश के लिए खास है। उम्मीद है कि हमारे मेडल से देश की महिलाओं को कुछ कर दिखाने का जज्बा मिलेगा।
 
आगे की क्या तैयारियां हैं?
मैं अभी अपने ग्लव्स खूंटी पर नहीं टांगना चाहती। मैं एशियन गेम्स के लिए तैयारी करूंगी और बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी।

‘मां को निराश नहीं कर सकती थी’
मैरीकॉम जब बॉक्सिंग रिंग में देश के लिए मेडल जीतने की कोशिश कर रही थीं तो उनका उत्साह बढ़ाने के लिए उनकी मां अखम कॉम भी ऑडियंस के बीच मौजूद थीं। दरअसल मैरी को विश्वास था कि खेल के दौरान उनकी मां की मौजूदगी से फर्क पड़ेगा। ऐसे में मैरीकॉम के स्पांसर पीएंडजी की बदौलत उनकी मां अपनी बेटी के सबसे बड़े अचीवमेंट की गवाह बनीं। इस ऐतिहासिक जीत के बाद उनकी मां ने जब अपनी बेटी को गले लगाया तो दोनों की आंखें नम हो गईं।
पांच बार की वल्र्ड चैंपियन मैरी कॉम ने ओलंपिक का ब्रांज मेडल जीतने के बाद इसका क्रेडिट अपनी मां को दिया। मैरी कॉम के मुताबिक, ‘मैं मानती हूं कि मैं काफी टेंशन में थी, क्योंकि मुकाबला कड़ा था। उस समय मैं सिर्फ  अपनी मां और उन तकलीफों के बारे मे सोच रही थी, जो मां ने मेरे लिए उठाई थीं। मैं जानती थी कि मैं उन्हें निराश नही कर सकती, क्योंकि वे मेरा मुकाबला देखने के लिए वहां मौजूद थीं। मै उन सभी की शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरी बाउट देखने के लिए मेरी मां को लंदन तक पहुचाया। वे मेरी कोच और मेरी ताकत रही हैं.’

Posted By: Inextlive