एयरफोर्स का फाइटर प्लेन जगुआर जेटी-060 क्रैश
-पायलट और को-पायलट ने प्लेन से कूदकर बचाई जान
-मौके पर पहुंची एयरफोर्स व पुलिस टीम के साथ स्थानीय लोग रेस्क्यू में जुटे - वायुसेना ने हादसे की जांच के दिए आदेश, घायल पॉयलट व को-पॉयलट को कराया गया एडमिट Allahabad: शहर से 13 किमी दूर नैनी रेलवे स्टेशन के पास ट्यूजडे मॉर्निग में एयरफोर्स का फाइटर प्लेन जगुआर जेटी-060 रेजीडेंशियल एरिया में क्रैश हो गया। हालांकि, गनीमत यह रही हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। प्लेन क्रैश होने से पहले ही पायलट और को-पायलट दोनों प्लेन से कूदकर जान बचाने में सफल रहे। फाइटर प्लेन एक मकान के बारजे से टकराने के बाद मैदान में जा गिरकर क्रैश हुआ। अगर किसी मकान पर गिरता तो कइयों की जान जा सकती थी। 45 मिनट पहले उड़े थे बमरौली सेमंगलवार की सुबह 7.25 बजे इंडियन एयरफोर्स के फाइटर प्लेन जगुआर जेटी 060 ने इलाहाबाद के बमरौली एयरफोर्स स्टेशन से ट्रेनिंग फ्लाइट ली। फाइटर प्लेन में दो पायलट मौजूद थे। उड़ान भरने के करीब 45 मिनट बाद ही 13 किलोमीटर दूर साउथ-ईस्ट नैनी में अचानक फाइटर प्लेन का इंजन फेल हो गया। पायलट ने प्लेन को कंट्रोल करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता न मिलने पर करीब दो किलोमीटर पहले दोनों पैराशूट के साथ सीओडी के पास कूद गए। प्लेन आबादी के बीच रेलवे कर्मचारी रमेश यादव के घर से टकराकर एक खाली प्लाट में जा गिरा। इंडियन एयरफोर्स ने कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी के ऑर्डर जारी कर दिए हैं। दोनों पायलटों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जांच के आदेश दिए वायु सेना के पीआरओ विंग कमांडर बीके पांडेय के मुताबिक, यह एक रुटीन प्रैक्टिस थी। दोनों पायलट सुरक्षित हैं। जगुआर के क्रैश होने की सूचना पर एयरफोर्स की रेस्क्यू टीम ने चंद मिनट बाद ही मौके पर पहुंच राहत कार्य शुरू कर दिया। हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं, एसपी यमुनापार आशुतोष मिश्रा ने बताया कि दोनों पायलट सुरक्षित हैं तथा जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। टाइमलाइन- 7.25 बजे पर एयरफोर्स बेस से उड़ा जगुआर 8.10 बजे पर जगुआर जेटी-060 क्रैश होकर चाका गांव के रेजीडेंशियल एरिया में खाली प्लॉट पर गिरा 8.40 बजे पहुंचा सीओडी छिवकी का हेलीकॉप्टर 8.45 बजे जगुआर जेटी 060 से पैराशूट से कूदे दोनों पायलटों को सेना के जवानों ने किया कवर 8.50 बजे पैराशूट हाईटेंशन लाइन में फंसने से घायल एक पायलट को ले जाया गया सीओडी छिवकी 9.00 बजे मौके पर पहुंच गए सेना के जवान10.10 बजे क्रैश प्वाइंट पर पहुंचे एडीएम एडमिनिस्ट्रेशन रामनिवास गुप्ता
10.15 बजे तक एसपी यमुना पार और सिविल पुलिस के जवान भी पहुंचे 10.30 बजे एयरफोर्स के ऑफिसर्स व इंजीनियर्स की टीम मौके पर पहुंची 10.35 बजे क्रैश प्वाइंट को किया गया कवर और फिर शुरू हुई जांच ------------------------ साइड स्टोरी आसमान में ही ब्लास्ट हो गया था जगुआर - बिखर कर घरों में घुसे जगुआर के पार्ट - कई घरों के टूट गए शीशे, दीवारों और छज्जों को हुआ नुकसान ALLAHABAD: फर्स्ट इंक्वायरी में ये बात निकल कर सामने आई है कि जगुआर जेटी-060 अनकंट्रोल्ड होने के बाद जमीन पर आने से पहले आसमान में ही ब्लास्ट हो गया था। ब्लास्ट होने के बाद प्लेन क्रैश होकर जमीन पर गिरा जिसकी वजह से उसके टुकड़े आसमान में बिखर कर काफी दूर तक लोगों के घरों में घुस गए। इससे किसी का बारजा टूटा, किसी की छत टूटी, किसी के खिड़की दरवाजे टूटे तो ब्लास्ट से कई लोगों के मकान हिल गए। किसी को सिर किसी को पैर में चोटजगुआर में जैसे ही ब्लास्ट हुआ तो उसके बड़े-बड़े टुकड़े छिटक कर काफी दूर तक जा गिरे। उस समय जो लोग घरों के अंदर थे, वो तो बच गए। लेकिन मुंडी चक एरिया में घरों के बाहर, छत पर व आंगन में मौजूद लोग घायल हो गए। मुंडी चक एरिया में रहने वाले अभयराज, रघु पटेल, भोला भारतीया, रूपचंद, शैलेंद्र दुबे, कमला शंकर घायल हुए हैं।
पन्नालाल का मकान सबसे ज्यादा प्रभावित जिस स्थान पर जगुआर ब्लास्ट होने के बाद क्रैश हुआ वहीं थोड़ी दूर पर पन्ना लाल का मकान है। पन्नालाल के मकान में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा। मकान के खिड़की व दरवाजों के शीशे व छज्जा टूट गया। रेलिंग और सीढ़ी का माउंट क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं, कूलर भी गिरकर टूट गया। पूरे घर में मिट्टी बिखर गई। जगुआर के टुकड़ों के साथ ही टायर का एक बड़ा हिस्सा भी पन्नालाल प्रसाद के घर में ही मिला। हिलने लगा घर, छा गया अंधेरापन्ना लाल प्रसाद की पत्नी संगीता देवी ने बताया कि सुबह के टाइम हम लोग अपने काम में व्यस्त थे। इसी दौरान अचानक जोरदार धमाका हुआ जिससे पूरा मकान हिल उठा। चंदन प्रसाद ने बताया कि धमाका होते ही मकान के भी अलग-अलग हिस्से से तोड़फोड़ की आवाज आई। अंदर जाकर देखा तो खिड़की दरवाजों के शीशे टूटे पड़े थे। सुरभि ने बताया कि मैं तो पूरी तरह से डर गई थी। क्योंकि जब मकान के बाहर झांक कर देखा तो धुआं ही धुआं दिखाई दे रहा था।
अगर, रमेश यादव का मकान न होता ALLAHABAD: मंगलवार को इंडियन एयरफोर्स का लड़ाकू विमान जगुआर ब्लास्ट होने के बाद क्रैश हुआ और रेजीडेंशियल एरिया में जा गिरा। इस दौरान सबसे अच्छी बात यह रही कि लेकिन इतने बड़े एक्सीडेंट में कोई कैजुअल्टी नहीं हुई। दरअसल, जिस प्वाइंट पर जगुआर क्रैश होकर गिरा वहां पर रेलवे में तैनात कर्मचारी रमेश यादव का खाली मकान था। अनकंट्रोल्ड होने के बाद जमीन से काफी कम ऊंचाई पर मंडरा रहा जगुआर ब्लास्ट होने के बाद रमेश यादव के मकान की छत की दीवार और बारजे से टकरा कर सामने पड़े खाली प्लॉट में जा घुसा। अगर प्लेन रमेश के मकान से न टकराया होता तो फिर यह सीधा जाकर सामने स्थित एक बड़े से लॉज में टकरा सकता था जिसमें करीब तीन दर्जन से ज्यादा लोग मौजूद थे। इसके बाद हादसे का मंजर क्या होता? इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। हमने देखा आसमान में मंडरा रही थी मौत मौत को किसने देखा है? ये सवाल पूछने पर लोगों का जवाब भले ही कुछ न मिले। लेकिन मंगलवार की सुबह नैनी के चाका गांव स्थित मुंडी चक बस्ती में इंडियन एयर फोर्स का जगुआर जेटी 0म्0 क्रैश होने के बाद यहां के लोग यही कह रहे हैं 'हमने अपने सिर पर मंडरा रही मौत को देखा है.' जगुआर क्रैश के बाद लोगों ने क्या महसूस किया, सुनिये लोगों की बातें उन्हीं की जुबानी ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया सुबह करीब आठ बजे मैं बाथरूम में था। इसी बीच सवार आठ बजे के करीब बहुत तेज आवाज आने लगी। बाथरूम हिलने लगा। मैं नहाना छोड़ कर दौड़ते हुए बाथरूम से बाहर निकला। मुझे लगा कहीं फिर से भूकंप तो नहीं आ गया है। लेकिन, बाहर निकल कर देखा तो मामला कुछ और था, जिसे देखने के बाद सिर चकरा गया कि आखिर ये कैसे हो गया? गुड्डू, स्थानीय निवासी बीसों चक्कर लगाने के बाद गिरा जगुआर रोज की तरह सुबह के समय सभी लोग अपने-अपने काम में व्यस्त थे। इसी बीच सवा आठ बजे के करीब अचानक से आसमान से तेज आवाज आने लगी। घर के बाहर निकल कर देखा तो हेलीकॉप्टर या हवाई जहाज जैसा कोई विमान आसमान में मंडरा रहा था। उससे बहुत तेज आवाज निकल रही थी। तभी अचानक से न जाने क्या हुआ कि प्लेन तेज धमाके के साथ ब्लास्ट होकर जमीन पर आ गिरा। जमीन पर आने से पहले विमान ने आसमान में एक-दो नहीं बल्कि करीब ख्0 से ज्यादा चक्कर लगाए। मो। सलीम, स्थानीय निवासी बच गया नहीं तो आज चली जाती जान जगुआर क्रैश प्वाइंट से चंद कदम की दूरी पर ही हमारा मकान है। मकान के आंगन में बैठ कर मैं नहा रहा था। तभी अचानक जोरदार धमाका हुआ और बड़ा सा लोहे का टुकड़ा अचानक सामने से आया। उसे देखते ही मैंने तत्काल अपना सिर नीचे कर लिया और वो टुकड़ा सीधे जाकर दीवार में जाकर धंस गया। मैं फिर थोड़ी दूर पर बैठी अपनी मां को बचाने में लग गया। उन्हें कमरे में पहुंचाया इसी बीच एक और टुकड़ा आया जो पैर में आकर धंस गया। अभयराज, स्थानीय निवासी साड़ी में लगी आग तो भागी गिरौता आज हमने सामने से अचानक आई साक्षात् मौत को देखा था। जब मैं अपने घर के अंदर बैठी थी तभी एक जलता हुआ आग का गोला आया और रसोई की दीवार से जा टकराया। पास में साड़ी टंगी थी जो जलने लगी। साड़ी में अचानक आग लगते ही मैं शोर मचाते हुए बाहर की ओर भाग निकली। ये तो संयोग अच्छा था कि आग का गोला दीवार से टकराया नहीं तो कुछ भी हो सकता था। जिरौता देवी, स्थानीय निवासी ईष्ट देवता की कृपा रही कि सब बच गए गांव के ईष्ट देवताओं और भगवान की कृपा ही रही कि गांव की ये रिहायशी बस्ती बच गई। नहीं तो जिस तरह से लड़ाकू विमान आसमान में लहरा रहा था और फिर ब्लास्ट होने के बाद जमीन पर जा गिरा। उसकी वजह से कई लोगों की जान जा सकती थी। अगर विमान रमेश यादव के घर के सामने खाली पड़े प्लॉट पर नहीं बल्कि किसी मकान पर गिरता तो पता नहीं क्या होता? कमला सिंह, स्थानीय निवासी इनसेट धमाके के साथ जलने लगा मकान चाका गांव में जगुआर क्रैश प्वाइंट से थोड़ी दूर पर ही शशिभूषण प्रसाद का मकान है। मकान के अंदर कुछ हिस्सा कच्चा बना बना है जिस पर छप्पर पड़ा है। धमाके के बाद जगुआर के जलते हुए टुकड़े काफी दूर तक बिखरे। जिनमें से एक टुकड़ा शशिभूषण के कच्चे मकान के छत पर आकर गिरा और छप्पर जलने लगा। तेज लपटें निकलने पर परिवार के लोगों ने पानी डालकर आग पर काबू पाया।