तालिबानी कब्जे वाले अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिक और 46 अफगान हिंदू और सिख तीन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के साथ भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से भारत आ सकते हैं। कहा जा रहा है वर्तमान में ये काबुल हवाई अड्डे के अंदर हैं और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय बलों द्वारा भारतीय वायु सेना के विमान पर ले जाया जा रहा है।


नई दिल्ली (एएनआई)। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के एक विमान की फंसे हुए भारतीय नागरिकों और 46 अफगान हिंदुओं और सिखों को लेकर सोमवार को काबुल हवाई अड्डे से उड़ान भरने की उम्मीद है। इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने कहा कि मैं पुष्टि कर सकता हूं कि फंसे हुए भारतीय नागरिक और 46 अफगान हिंदू और सिख तीन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी (पवित्र पुस्तक) के साथ वर्तमान में काबुल हवाई अड्डे के अंदर हैं और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय बलों द्वारा भारतीय वायु सेना के विमान तक ले जाया जा रहा है। भारत सहित कई देश युद्धग्रस्त राष्ट्र अफगानिस्ता से अपने नागरिकों को तत्काल निकाल रहे हैं। अफगान सरकार के पतन और तालिबान द्वारा इसे अपने कब्जे में लेने के मद्देनजर निकासी की जा रही है।135 भारतीयों को एक विशेष उड़ान से दिल्ली वापस भेजा गया
काबुल हवाई अड्डे पर आजकल भारी अराजकता देखी जा रही है क्योंकि तालिबान से भागने की कोशिश में हजारों अफगान हवाई अड्डे पर जमा हो गए हैं। भारत ने रविवार को तीन अलग-अलग उड़ानों से करीब 400 लोगों को वापस मंगाया। 87 भारतीयों और दो नेपाली नागरिकों के एक अन्य समूह को दुशांबे से एयर इंडिया की एक विशेष उड़ान में वापस लाया गया, जिसके एक दिन बाद उन्हें भारतीय वायुसेना के विमान में ताजिकिस्तान की राजधानी ले जाया गया। पिछले कुछ दिनों में अमेरिका और नाटो विमानों द्वारा काबुल से दोहा तक निकाले गए 135 भारतीयों को एक विशेष उड़ान से दिल्ली वापस भेजा गया।सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिबद्ध भारतविदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा है कि भारत सरकार अफगानिस्तान से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान से आने-जाने के लिए मुख्य चुनौती काबुल हवाई अड्डे की परिचालन स्थिति है। सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत को काबुल से प्रतिदिन दो उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी गई है। अमेरिकी और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) बलों द्वारा अनुमति दी गई थी, जो 15 अगस्त को अफगान राजधानी तालिबान के हाथों हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन को नियंत्रित कर रहे थे।

Posted By: Shweta Mishra