आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 की शुरुआत 30 मई से हो रही। भारत का पहला मैच 5 जून को साउथ अफ्रीका के साथ होना है। टीम इंडिया को इस बार वर्ल्ड कप का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। आइए जानें पिछले दो वर्ल्ड कप में भारत की जीत में क्या थी समानताएं...


कानपुर। आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 का आगाज गुरुवार से हो रहा। पहला मैच मेजबान इंग्लैंड बनाम साउथ अफ्रीका के बीच खेला जाएगा। भारत इस टूर्नामेंट की शुरुआत 5 जून से करेगा। विराट कोहली की अगुआई में टीम इंडिया इस विश्व कप की प्रबल दावेदार है। हालांकि कोहली की टीम को ये वर्ल्ड कप जीतना है तो भारत के पिछले दो वर्ल्ड कप जीत का फार्मूला दोहराना होगा। क्या है इंडिया की जीत का पैटर्न?हम बात करने जा रहे हैं भारतीय टीम के दोनों वर्ल्ड कप (1983 और 2011) का खिताब जीतने का पैटर्न कैसा रहा और दोनों में क्या समानताएं रहीं। 1. ओपनर्स और नंबर 3 बल्लेबाजी


-वर्ल्ड कप 1983 में सुनील गावस्कर और 2011 में सचिन तेंदुलकर बड़े नाम थे, जो सलामी बल्लेबाज थे। ये दोनों मुंबई के ही थे। दोनों ही बल्लेबाज तकनीक के साथ बल्लेबाजी करने के लिए मशहूर थे। -1983 में क्रिस श्रीकांत और 2011 में वीरेंदर सहवाग हार्ड हिटर सलामी बल्लेबाज थे। -नंबर 3 पर बल्लेबाजी के लिए फाइनल में मोहिंदर अमरनाथ (1983) और गौतम गंभीर (2011) थे। दोनों ही खिलाड़ी दिल्ली के थे। अगर ओपनर्स फ्लॉप हुए तो नंबर 3 बल्लेबाज स्कोरबोर्ड पर रन बढ़ा सकता था। कोइंसिडेंस

दोनों ही वर्ल्ड कप में इंडियन टीम ने 4 लीग मैच जीते थे और फाइनल मुकाबला शनिवार को खेला गया था। ICC Cricket World Cup 2019: जानें किस चैनल पर दिखाए जाएंगे टीम इंडिया के मैच, क्या होगी टाइमिंगICC Cricket World Cup 2019: किस टीम से खेल रहा कौन खिलाड़ी ये रही पूरी लिस्ट2. मजबूत, समझदार और सहज कप्तानकहते हैं कोई टीम तब मजबूत होती है जब उस टीम का कप्तान मजबूत हो। कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी इस कहावत पर बिल्कुल खरे उतरते हैं। दोनों ही कप्तानों के अंदर आत्मविश्वास था और तुरंत निर्णय लेने की क्षमता थी। यह बात इससे सिद्ध होती है कि 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में महेंद्र सिंह धोनी खुद युवराज सिंह से पहले उतरे थे, जबकि युवराज सिंह अच्छे फॉर्म में थे।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari