चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के हाथों हार झेली चुकी पाकिस्‍तान टीम के लिए आगे का सफर काफी कठिन है। चैंपियंस ट्रॉफी में सरवाइव के लिए पाक को अपने दोनों मैच तो जीतने होंगे। अगर ऐसा नहीं होता है और पाकिस्‍तान टूर्नामेंट से बाहर हो जाती है तो उसका 2019 वर्ल्‍डकप का पत्‍ता भी कट सकता है। जानिए क्‍यों....


पाकिस्तान का लगातार गिरता प्रदर्शन4 जून रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए मुकाबले में सबकुछ तो ठीक था, लेकिन एक बात ऐसी थी जो हर क्रिकेट प्रशंसक को खली। वो है कांटे की टक्कर...इससे पहले भारत-पाक जब भी आमने-सामने हुए हैं। एक रोमांचक मैच देखने को मिला है। सचिन और शोएब से लेकर गंभीर-आफरीदी तक, हमने क्रिकेट में एक जबर्दस्त भिडंत देखी है। लेकिन बर्मिंघम में पाकिस्तान का जैसा प्रदर्शन रहा, उसने पाकिस्तानी फैंस के साथ-साथ भारतीय प्रशंसकों को भी निराश किया। पाकिस्तान क्रिकेट का गिरता स्तर उसके भविष्य पर सवाल खड़े करता है। आईसीसी रैंकिंग में हैं 8वें नबर पर


चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान को बमुश्किल इंट्री मिल पाई थी। क्योंकि आईसीसी वनडे रैंकिंग में पाक आठवें नंबर पर है। अगर पाकिस्तान एक पायदान और नीचे होता, तो वेस्टइंडीज की तरह पाक को भी चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने से हाथ धोना पड़ता। पाकिस्तान का पिछले कुछ एकदिवसीय मैचों में प्रदर्शन काफी खराब रहा है। 2019 वर्ल्डकप की राह नहीं आसान

2019 में होने वाले वर्ल्डकप में 10 टीमें खेलेंगी। टूर्नामेंट शुरु होने में अभी डेढ़ साल हैं लेकिन पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि उसे अब कोई वनडे सीरीज नहीं खेलनी है। जबकि वेस्टइंडीज के पास अपनी रैंकिंग सुघारने का मौका होगा। वेस्टइंडीज अभी 9वें नंबर पर है वह 2019 वर्ल्डकप से पहले जितने वनडे मैच खेलेगी, उसमें आधे भी जीत गई तो पाकिस्तान से ऊपर चली जाएगी। यानी कि फिर पाकिस्तान 9वें नंबर पर आ जाएगी। उससे नीचे सिर्फ अफगानिस्तान है। अफगानिस्तान कस जिस तरह से प्रदर्शन बेहतर रहा है, अगर वही उसी हिसाब से खेलती रही तो पाकिस्तान टॉप 10 से भी बाहर चली जाएगी, और उसका अगला वर्ल्डकप खेलना मुश्किल हो जाएगा।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari