धोनी भईया, यह ट्रॉफी घर जरूर लाना
RANCHI : टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी के स्कूल जेवीएम श्यामली में सात समंदर होकर आईसीसी वर्ल्ड कप-2015 की ट्रॉफी पहुंची तो स्टूडेंट्स एक सुर से कह उठे- धोनी भईया यह ट्रॉफी जरूर लाना। गुरुवार को जब स्कूल में जब ट्रॉफी प्रदर्शन के लिए रखी गई तो नजारा पूरी तरह उत्सवी हो गया। ट्रॉफी की एक झलक देखने के लिए स्टूडेंट्स की बेताबी देखते ही बन रही थी। कोई ट्रॉफी को छूकर से देख रहा था तो कोई उसे चूमना चाह रहा था। ट्रॉफी के दीदार को लेकर स्टूडेंट्स की खुशी देखते ही बन रही थी।
रांची में पहली बार ट्रॉफीआईसीसी वर्ल्ड कप के इतिहास में यह पहला मौका था, जब अपने शहर में वर्ल्ड कप को प्रदर्शन के लिए लाया गया था। स्टार स्पोर्ट्स के मेंबर्स ट्रॉफी को लेकर आए थे। इस ट्रॉफी को स्पेशली उस स्कूल में ले जाया गया, जहां से टीम इंडिया के कैप्टन महेंद्र सिंह धौनी ने स्कूलिंग की थी। यहां से आईसीसी वर्ल्ड कप की ट्रॉफी सेंट जेवियर्स कॉलेज और फिर गोस्सनर कॉलेज ले जाई गई। इन तीनों जगहों पर ट्रॉफी के दीदार को लेकर स्टूडेंट्स का उत्साह पूरे चरम पर था।
स्पोर्ट्स टीचर ने शेयर की पुरानी यादेंजेवीएम श्यामली में वर्ल्ड कप ट्रॉफी के शो के दौरान स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर रहे केआर बनर्जी ने धौनी से जुड़ी पुरानी बातें स्टूडेंट्स से शेयर की। उन्होनें बताया कि धोनी ने अपने खेल जीवन की शुरूआत इसी स्कूल से की थी। फुटबॉल उनका पहला प्यार था। वे गोलकीपर के तौर पर फुटबॉल खेला करते थे, पर बाद में वे गोलकीपर से विकेट कीपर बन गए। यहां से धोनी ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक छोटे से शहर से निकलकर धोनी ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई।
स्कूल के लिए गर्व का दिन इस मौके पर प्रिंसिपल एके सिंह ने कहा आईसीसी वर्ल्ड कप का स्कूल में आना गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि धोनी ने इस स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की है। स्कूलिंग के दौरान ही धोनी ने क्रिकेट में अपनी प्रतिभा दिखा दी थी। आज वे टीम इंडिया के न सिर्फ कैप्टन हैं, बल्कि कामयाबी के शिखर पर भी हैं। इस मौके पर स्टार स्पोर्ट्स के अधिकारियों ने कहा कि वर्ल्ड कप को उन देशों में ले जाया जा रहा है, जो आईसीसी वर्ल्ड कप के हिस्सा हैं।