आइसीएमआर की टीम के अध्ययन से खुलेगा कोरोना विस्तार का राज

-हॉटस्पॉट रह चुके सुभाषनगर समेत 10 जगहों से लिए सैंपल

-कोराना का विस्तार रोकने को रीजनल हेड ऑफिस में होगी सीरम की स्टडी

बरेली : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की 26 सदस्यीय टीम सैटरडे देर रात शहर पहुंची। डॉ। रवींद्र नाथ की अगुवाई में टीम मेंबर्स ने लैब टेक्नीशियन और आशा वर्कर्स के साथ संडे को शहर के 10 स्पॉट सुभाषनगर, मुडिया नवीबख्श, भोजीपुरा, मीरगंज, फरीदपुर, फतेहगंज ईस्ट, बानखाना, गंगापुर, बहेड़ी खिराना गांव, और आवंला में 356 लोगों के सैंपल्स कलेक्ट किए। नोडल अधिकारी डॉ। रंजन गौतम के मुताबिक 10 टीमों में से आठ ने अपना काम खत्म कर लिया है। बाकी बची दो टीमें मंडे को काम खत्म कर लेंगी। इसके बाद सभी 400 सैंपल्स के सीरम की रीजनल हेड ऑफिस में स्टडी होगी। जिससे कोरोना के प्रीवलैंस रेट का पता चल सकेगा। जो संक्रमण रोकने में काफी मददगार होगा।

यह मिलेगा फायदा

कोरोना संक्रमण नोडल अधिकारी डॉ। रंजन गौतम के मुताबिक सैंपल लेने के लिए जिलों का चयन आईसीएमआर के डॉक्टर खुद करते है। बरेली के चयन के कई पैरामीटर हैं। संक्रमण के खत्म होने के बाद अचानक केस बढ़ाना, प्रवासियों की इस वृद्धि में भूमिका, जनसंख्या घनत्व और वायरस के फैलाव में लगने वाला समय सरीखे मानकों पर सीरो प्रीवलेंस रेट तय की जाती है। इसके लिए टीम के पास कलेक्टिव ट्यूब है, जिसमें सीरम अलग हो जाता है। सीरम के जरिये एंटी बॉडी टेस्ट करके अध्ययन किया जाता है। नियम समय, नियत स्थान और फैलाव में लगने वाला समय कितना है। इससे कोरोना रोकने में काफी हेल्प मिलेगी।

क्या होते हैं एंटीबॉडी टेस्ट

आईसीएमआर की टीम के सदस्यों के द्वारा एंटी बॉडी टेस्ट करने के बारे में अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद ये पता लगाना है कि उस इलाके में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ेगी या नहीं। यदि इस जांच में ज्यादातर लोगों में एंटीबॉडीज का कम बनना या न बनना पाया गया तो इसका अर्थ है कि वहां के लोग इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। इसीलिए हॉटस्पॉट के एरिया में एंटी बॉडी टेस्ट किए जाते हैं।

आईसीएमआर की टीम की मदद के लिए स्थानीय टीमों को लगाया गया है। दो दिन के प्रोग्राम में उन्हें 400 सैंपल लेने हैं। अध्ययन के बाद कोरोना संक्रमण के विस्तार के बारे में जानकारी मिलेगी।

- डॉ। रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी।

Posted By: Inextlive