RANCHI: आइसीएसई बोर्ड से एफिलिएटेड स्कूलों ने बीपीएल व अभिवंचित वर्ग के बच्चों के एडमिशन फॉर्म लौटा दिए हैं। डीएसई ऑफिस से रांची के क्ख् स्कूलों में करीब ब्00 आवेदन भेजे गए थे। लेकिन, स्कूल मैनेजमेंट ने यह कह कर फॉर्म लौटा दिए कि आइसीएसई बोर्ड के स्कूल माइनॉरिटी स्कूल के अंतर्गत आते हैं। ऐसे में आरटीई के तहत ख्भ् प्रतिशत बीपीएल बच्चों का एडमिशन लेने के नियमों का पालन करने की अनिवार्यता नहीं है। इधर, फॉर्म लौटाने के बाद बीपीएल और अभिवंचित वर्ग के बच्चों के लिए आइसीएसई बोर्ड के स्कूलों में पढ़ने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। इन स्कूलों में आवेदन करने वाले बच्चों के एडमिशन का टाइम भी खत्म हो गया है।

डीएसई ऑफिस ने पल्ला झाड़ा

मजे की बात यह है कि डीएसई ऑफिस में भी आइसीएसई बोर्ड के स्कूलों में एडमिशन के लिए फॉर्म लिए गए। पैरेंट्स को इसकी जानकारी भी नहीं दी गई। जब फॉर्म लौटा दिया गया, तो अब डीएसई ऑफिस की तरफ से पल्ला झाड़ा जा रहा है।

नई गाइडलाइन में जिक्र नहीं

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से इसी साल आरटीई की नई गाइडलाइन जारी की गई थी। इसके तहत 7ख् हजार रुपए से कम आय वाले अभिभावक अपने बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला करा सकते हैं। फॉर्म भरने और लॉटरी के थ्रू सेलेक्शन के बाद एडमिशन की अंतिम तारीख फ्क् मार्च है। इस गाइडलाइन में कहीं भी ये जिक्र नहीं है कि आइसीएसई बोर्ड के स्कूलों में एडमिशन नहीं होगा।

बॉक्स

इन स्कूलों ने लौटाए एडमिशन फॉर्म

सेंट फ्रांसिस सामलौंग

कार्मेल सामलौंग

मॉडर्न इंग्लिश स्कूल, इटकी

सेंट थॉमस स्कूल

सेंट माइकल

बिशप वेस्टकॉट

सेंट जेवियर्स स्कूल डोरंडा(फॉर्म रखा है, लेकिन एडमिशन लेने से कर दिया मना)

अलग से बॉक्स में लें

सीबीएसई स्कूलों में लॉटरी सिस्टम पर सवाल

सीबीएसई से मान्यप्राप्त भ्फ् स्कूलों में एडमिशन के लिए क्000 हजार फॉर्म डीएसई ऑफिस की ओर से भेजे गए हैं। कुछ अभिभावकों ने सीधे तौर पर भी स्कूलों में आवेदन किया है। चयन का आधार लॉटरी सिस्टम है। लेकिन लॉटरी सिस्टम की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगे हैं। लॉटरी के वक्त शिक्षा विभाग के किसी एक प्रतिनधि का होना और पैरेंट्स का होना जरूरी है लेकिन स्कूल कैंपस में पैरेंट्स को घुसने ही नहीं दिया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी लॉटरी में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। स्कूल की ओर से किस आधार पर बच्चों का चयन किया जा रहा है, इसकी जानकारी भी न तो पैरेंट्स को दी जा रही है और न ही शिक्षा विभाग को इसका अपडेट दिया जा रहा है। ऐसी शिकायतें भी डीएसई ऑफिस में पैरेंट्स लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन पैरेंट्स की शिकायतों पर शिक्षा अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। पैरेंट्स का कहना है कि स्कूल के गेट पर ही गार्ड रोक देते हैं।

डीएसई जयंत कुमार मिश्रा से सीधी बात

सवाल: आइसीएसई बोर्ड के स्कूलों में बीपीएल बच्चों का एडमिशन क्यों नहीं हो रहा है?

जवाब: आइसीएसई बोर्ड के स्कूल माइनॉरिटी स्कूल के अंतर्गत आते हैं। इस वजह से उन पर ख्भ् प्रतिशत एडमिशन की अनिवार्यता नहीं है।

सवाल: जब एडमिशन नहीं लेना था, तो फॉर्म क्यों लिया गया?

जवाब: आइसीएसई बोर्ड के क्ख् स्कूल मैनेजमेंट से बातचीत की गई है। सोशल रिस्पांसिब्लिटी के तहत एडमिशन लेने का आग्रह किया जाएगा।

Posted By: Inextlive