बहुत सारे दुकानदारों ने जीएसटी के नाम पर फर्जी वसूली चालू कर दी है। अभी उनका रजिस्‍ट्रेशन भी नहीं हुआ है और वे ग्राहकों से जीएसटी के नाम पर अवैध रकम वसूल रहे हैं। आइए जानते हैं इस ठगी से बचने का एक आसान सा तरीका।


जानें जीएसटी के 15 अंकों कोजीएसटी का रजिस्ट्रेशन नंबर 15 अंकों का होता है। यह हर बिल पर अंकित रहता है। शुरू के दो नंबर संबंधित राज्य का कोड होता है। उसके बाद के 10 अंक दुकानदार के पैन का नंबर होता है। जीएसटी का 13वां नंबर उस दुकानदार के पैन पर अलग-अलग बिजनेस के लिए किए गए जीएसटी रजिस्ट्रेशन संख्या दिखाती है। यदि एक पैन पर 3 दुकानें रजिस्टर होंगी तो जीएसटी का 13वां अंक 3 होगा। 14वां नंबर हमेशा अंग्रेजी का z होता है। यदि 14वां अंक z नहीं है तो उसे 13वें के साथ मिलाकर पढ़ें क्योंकि कंपनी ने एक ही पैन पर 9 से ज्यादा बार जीएसटी पंजीकरण कराया है। 15वां नंबर चेक का कोड होता है।एक क्लिक पर जानें जीएसटी रेट
बिल में गलत जीएसटी लगी या सही इसका रेट भी आप आसानी से जान सकते हैं। बस आपको नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करना होगा। इस वेबसाइट पर आपको हर वस्तु या सेवा पर लगने वाले जीएसटी रेट की जानकारी मिल जाएगी।सभी वस्तुओं पर लगने वाला जीएसटी रेटगलत बिल की यहां करें शिकायत


आपको पता चल जाए कि जीएसटी नंबर नकली है या फिर जीएसटी का रेट आपके बिल में गलत जोड़ा गया है तो आप नीचे दिए गए मेल एड्रेस पर ई-मेल द्वारा शिकायत कर सकते हैं। संबंधित विभाग उस दुकानदार के खिलाफ जांच के बाद कड़ी कार्रवाई करेगा।helpdesk@gst.gov.in

Posted By: Satyendra Kumar Singh