- एलयू प्रशासन नये सेशन से परीक्षा के मूल्यांकन प्रक्रिया में करने जा रहा बदलाव

- कॉपियों के मूल्यांकन में गलतियों को कम करने के लिए शुरू होगी प्रक्रिया

LUCKNOW : लखनऊ यूनिवर्सिटी कॉपियों के मूल्यांकन को पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने के लिए नये सत्र से ठीक पहले बड़े बदलाव की तैयारी में जुट गयी है। जल्द ही एग्जामनर का काम केवल कॉपी चेक करते हुए नंबर देना नहीं होगा बल्कि उनसे इसकी पहचान भी जुड़ी होगी। मूल्यांकन में खामियां, इसके खिलाफ मूल्यांकन चुनौती एवं स्क्रूटनी के बढ़ते आवेदनों के बाद यूनिवर्सिटी शिक्षकों की यूनिक आईडी तैयार करने में जुटा है।

मूल्यांकन करने वाले शिक्षक का पूरा ब्यौरा

आईडी एग्जामनर द्वारा चेक कॉपियों से लिंक होगी। यूनिवर्सिटी आईडी से कॉपी के जरिए एग्जामनर का नाम पता कर सकेगी। वहीं यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड में एग्जामनर द्वारा चेक की जा रही कॉपियों का ब्योरा एक क्लिक पर रहेगा। यूनिवर्सिटी मुख्य परीक्षा के मूल्यांकन से पहले नए सिस्टम को स्वीकार कर लेगी। यूनिवर्सिटी ने गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले मूल्यांकन में बार कोड को अपनाया, लेकिन बीते कुछ वषरें से रिजल्ट के बाद असंतुष्ट स्टूडेंट की संख्या लगातार बढ़ रही है। बीते माह में कुछ शिक्षकों ने पेपर में बिना प्रश्नों को पढ़े ही छात्रों को नंबर दे दिये। इससे पहले भी शिक्षकों द्वारा कॉपियों के मूल्यांकन में खामियां पकड़ी जा चुकी हैं।

गलतियों को कम करना लक्ष्य

यूनिवर्सिटी ने मूल्यांकन सिस्टम में बदलाव और एग्जामनर की जवाबदेही तय करने को समिति गठित करने का फैसला किया है। यह समिति अपनी सिफारिशों में मूल्यांकन को पारदर्शी, जवाबदेह और न्यासंगत बनाने पर विचार करेगी। समिति विभिन्न यूनिवर्सिटी द्वारा मूल्यांकन में अपनाई जा रही प्रक्रिया का भी अध्ययन करेगी। सूत्रों के अनुसार यूनिवर्सिटी का फोकस तकनीक का प्रयोग करते हुए ऐसा सिस्टम विकसित करना है जो ना केवल परीक्षकों को जवाबदेह बनाए बल्कि त्रुटियां भी न्यूनतम करे। सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित सिस्टम में परीक्षकों की पहचान को यूनिक आईडी से जोड़ने पर विचार चल रहा है। सूत्रों के अनुसार मूल्यांकन के समय परीक्षकों की यूनिक आईडी जनरेट होगी। मूल्यांकन के बाद यह आईडी उसकी कॉपी और नंबरों से जुड़कर यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड में रहेगी। इसके बाद यूनिवर्सिटी यह पता कर सकेगी कि किस शिक्षक ने कितनी और किस विषय की कॉपियां चेक की। साथ ही रिजल्ट के बाद खामी मिलने पर यूनिवर्सिटी के लिए संबंधित एग्जामनर को ट्रैस करना आसान हो जाएगा। यूनिवर्सिटी की समिति जनवरी तक अपनी रिपोर्ट दे सकती है।

Posted By: Inextlive