इनकम टैक्‍स फाइल करना बेहद जरूरी होता है। वैसे तो फाइनेंशियल ईयर 2015-16 के रिटर्न को फाइल करने की आखिरी तारीख निकल चुकी है लेकिन फिर भी मार्च 2017 तक आप रिटर्न फाइल कर सकते हैं। आप रिटर्न तो लेट फाइल कर सकते है लेकिन इससे आपको नुकसान छेलना पड़ेगा। दरअसल लेट फाइलिंग की वजह से ऐसे कई सारे बेनिफिट है जो आपको नहीं मिल पाएंगे। आइए जानते है कि आखिर कौन से है वो बेनिफिट।

यह थी आखिरी तारीख
इनकम टैक्स फाइल करने की लास्ट डेट 5 अगस्त थी। टैक्स डिपार्टमेंट ने पहले ये डेट 31 जुलाई 2016 रखी थी लेकिन बाद में उसको बढ़ाकर 5 अगस्त कर दी थी। जो लोग पहले चरण में रिटर्न फाइल नहीं कर पाएं थे उनकी सुविधा के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने तारीख बढ़ाई थी। बता दें कि जो लोग 5 अगस्त तक भी रिटर्न फाइल करने में चुंक गए है उनको एक नहीं बल्कि कई नुकसान उठाने पड़ेंगे। लास्ट डेट के बाद रिटर्न फाइल करने पर डिपार्टमेंट आप पर सरचार्ज और पेनल्टी लगाएगा। इसके अलावा कई ऐसी सुविधाएं जिनका लाभ आप नहीं उठा पाएंगे।
नहीं हो पाएगा रिवाइज
अगर आपने फाइनेंशियल ईयर 2015-16 का रिटर्न ड्यू डेट के बाद फाइल किया है तो अब आप रिवाइज्ड रिटर्न फाइल नहीं कर पाएंगे। इसका मतलब है कि जो रिटर्न आपने ड्यू डेट के बाद फाइल किया है अगर उसमे किसी भी तरह की गलती होती है जैसे की आपने गलत स्टेटमेंट भर दिया या फिर आप अपनी इनकम डिस्क्लोज करना भूल गए है तो आप इसको दोबारा से ठीक कर के फाइल नहीं कर सकते है। आपके द्वारा कि गई गलती अगर इनकम टैक्स असेसिंग ऑफिसर को दिख जाती है तो वो आप पर पेनाल्टी लगा देगा।

कोई रिफंड नहीं होगा
अगर आप अपने रिटर्न में भुगतान किए गए एडवांस टैक्स टीडीएस पर कोई रिफंड क्लेम करते है तो आपको इंटरेस्ट पर थोड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। नॉमर्ल केस में रिफंड में 1 अप्रैल से इंटरेस्ट जोड़ता है लकिन लेट फाइलिंग में रिटर्न फाइलिंग की डेट से रिफंड देने की डेट तक जुड़ता है। ऐसे में आपको इंटरेस्ट पर नुकसान उठाना पड़ेगा।
सरचार्ज और पेनाल्टी
5 अगस्त के बाद जितने दिन देरी से फाइलिंग होगी उतना ज्यादा सरचार्ज और पेनाल्टी आप पर लगाई जाएगी। ये पेनाल्टी और सरचार्ज टैक्स लायबिलिटी का 1 प्रतिशत होता है जो लेट हाने पर हर महिने के हिसाब से 1 प्रतिशत बढ़ता जाता है।

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Posted By: Ruchi D Sharma