- प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की अपील, जो जमा कर सकते हैं फीस उन्हें जमा करने दिया जाए

LUCKNOW :

पैरेंट्स से तीन माह फीस न लेने और उसे आगे समायोजित करने के डीएम के आदेश को लेकर स्कूल प्रबंधक असमंजस की स्थिति में हैं। वे आदेश मानने की बात तो कह रहे हैं लेकिन यह भी कह रहे हैं कि जो पैरेंट्स फीस जमा कर सकते हैं, वे फीस जमा कर दें, ताकि वे अपने खर्च पूरे कर सकें। उनका कहना है कि इस बारे में भी डीएम को स्थिति साफ करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनके लिए शिक्षकों और कर्मचारियों को सेलरी देना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।

हो जाएगी दिक्कत

इस मामले में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि वे इस मुश्किल घड़ी में पैरेंट्स के साथ हैं लेकिन अगर उन्हें तीन माह तक फीस नहीं मिली तो उन्हें परेशानी हो जाएगी। कर्मचारियों और शिक्षकों का वेतन, बिजली और पानी का बिल, हाउस टैक्स, लोन की किश्त चुकाना मुश्किल हो जाएगा। एसोसिएशन के प्रेसीडेंट अनिल अग्रवाल ने बताया कि जो पैरेंट्स गवर्नमेंट सेक्टर में हैं वे फीस जमा करा दें, बाकी दिक्कतें पैरेंट्स और प्रबंधक मिलकर संभाल लेंगे।

सरकार से करेंगे संपर्क

एसोसिएशन का कहना है कि डीएम को यह आदेश जारी करने के साथ ही स्कूलों को टैक्स जमा करने में भी छूट दी जानी चाहिए। अनिल अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने तीन माह तक कोई लोन न जमा करने की छुट दी, पर बाद में यह सभी लोन तय रेट पर जमा कराने का भी आदेश है। ऐसे में इस छुट से कोई राहत नहीं है। इससे स्कूलों पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा।

पैरेंट्स पर भी बढ़ेगा दबाव

स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि वे तीन माह की फीस जमा नहीं कराते हैं तो आगे उन्होंने इस फीस के साथ पैरेंट्स से कॉपी-किताबों का भी पैसा पैरेंट्स से जमा कराना होगा। इससे पैरेंट्स पर ही दबाव बढ़ेगा।

स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों को हर माह सेलरी दी जाती है। ऐसे में जो पैरेंट्स फीस जमा कर सकते हैं, उन्हें फीस देनी चाहिए। इससे स्कूल प्रबंधकों को अपने खर्च पूरे करने में मदद मिलेगी।

अनिल अग्रवाल, प्रेसीडेंट, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

प्रशासन का आदेश माना जाएगा लेकिन पैरेंट्स से अपील है कि वह फीस जमा कर सकते हैं तो कर दें। हम स्टॉफ को हर माह सेलरी देते हैं। जो पैरेंट्स फीस नहीं जमा कर सकते हैं, उन्हें पूरी राहत दी जाएगी।

डॉ। जगदीश गांधी, संस्थापक प्रबंधक, सीएमएस

डीएम का आदेश न आता तो भी हम राहत देते। सभी पैरेंट्स फीस जमा नहीं कर सकते हैं, ऐसे में हमसे जो बनेगा हम करेंगे। हमें भी कर्मचारियों की सेलरी और दूसरे खर्च पूरे करने होते हैं।

एसकेडी सिंह, चेयरमैन, एसकेडी एकेडमी

स्कूलों के पास सरप्लस फंड होता है, इससे ही स्कूल प्रबंधक तीन माह काम चलाएं। स्कूल तीन माह फीस नहीं लेंगे तो राहत मिलेगी। वे अगले नौ माह में फीस एडजेस्ट कर लें।

पीके श्रीवास्तव, प्रेसीडेंट, अभिभावक संघ

Posted By: Inextlive