भारत को असीम संभावनाओं का देश कहा जाता है क्योंकि यहां यूथ की संख्या सबसे ज्यादा है। ऐसे में बुधवार को कानपुर रोड स्थित बालाजी इंस्टीट्यूट में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट इन एसोसिएशन विद रेडियो सिटी 91.1 एफएम मिलेनियल्स स्पीक जनरल इलेक्शन-2019 के मंच पर जब यूथ के बीच बात मुद्दों की उठी तो जॉब और आतंकवाद का मुद्दा सबसे आगे रहा। उन्होंने कहा कि जो इन मुद्दों को सुनेगा यूथ का वोट उसी को मिलेगा।

वैकेंसी निकालें तो भरें भी

आरजे मयंक ने जैसे ही यूथ से मुद्दों पर सवाल दागा तो अनुष्का सागर और अंकित कुमार दोनों ने जवाब दिया कि गवर्नमेंट को जॉब पर ध्यान देना चाहिए। पहले बोलते हुये अनुष्का कहती हैं कि मेरे लिए सबसे बड़ा मुद्दा केवल जॉब है। जब जॉब ही नहीं होगी तो यूथ करेगा क्या? गवर्नमेंट को इसके बारे में सोचना चाहिए। वहीं अंकित कहते हैं कि जॉब के लिए अप्लाई करो तो प्लेसमेंट होता नहीं है। हम भी चाहते हैं कि हमे जॉब मिले ताकि हम भी देश की तरक्की में अपना योगदान दे सकें। आज का यूथ मेहनत करने को तैयार है ताकि देश के डेवलवमेंट में वह भी अपनी भागीदारी कर सके इसलिए वोट उसी को जो जॉब देने की गारंटी देगा।

राजनीति नहीं बेरोजगारी पर ध्यान दें

मिलेनियल्स स्पीक पर मुद्दों की बात को आगे बढ़ाते हुये सौरभ केसरवानी कहते हैं कि वैकेंसी आ रही तो जॉब नहीं मिल रही है। कोशिश करते हैं कि जॉब मिले, लेकिन ऐसा होता नहीं है। वहीं बीच में ही उठकर बोलते हुये शशिभूषण कहते हैं कि यूथ के सामने सबसे बड़ी प्रॉब्लम बेरोजगारी की है। गवर्नमेंट अपनी राजनीति न करे और यूथ के लिए काम करे, जो भी जॉब निकले उसे सही तरीके से भरा जाये। यूथ की बेरोजगारी कैसे दूर हो इसपर ध्यान देना होगा। इसपर आरजे बात को खत्म करते हुये कहते हैं कि जॉब को लेकर पेंडिंग केसेज को खत्म करना चाहिए। ताकि यूथ को ज्यादा जॉब मिल सके।

आतंकवाद पर दें ध्यान

मुद्दों पर गर्मागर्म बहस के बीच आतंकवाद भी बड़ा मुद्दा बना रहा, जिसपर बात करते हुये श्याम मिश्रा कहते हैं कि गवर्नमेंट को सबसे पहले आतंकवाद पर ध्यान देना होगा। इसके साथ सेना को खुली छूट देनी चाहिए। साथ ही कश्मीर मसला हल होना चाहिए। इसके लिए वहां से धारा 370 को हटानी चाहिए। श्याम की बातों का समर्थन करते हुये अजिता यादव कहती हैं कि पार्टियों को चाहिए कि वह आपस में लड़ने की जगह देश का विकास कैसे हो इसपर एक साथ आकर ध्यान देना और काम करना चाहिए इसलिए वोट उसी को जो राजनीति की जगह देश के विकास के काम करेगा। इसपर आरजे भी हामी भरते हुये कहते हैं कि सभी को देश के लिए एकता के साथ काम करना चाहिए। वहीं पुनीत कुमार कहते हैं कि इसके साथ जॉब्स प्रॉब्लम को भी हल करना चाहिए। वैकेंसी के लिए जो प्रोसेस हो वह पूरा भी तो होना चाहिए। ताकि यूथ को जॉब मिल सके।

एजुकेशन पर ध्यान देना चाहिए

मुद्दों पर गर्मागर्म बहस से गंभीर हो चले माहौल को आरजे अपनी मस्ती भरी बातों से हल्का करते हैं जिससे सभी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। फिर शुरू होता है मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर मुद्दों की बात। जहां सौरभ भारती कहते हैं कि आतंकवाद इलेक्शन से पहले बड़ा मुद्दा बना गया है। कश्मीर से सबसे पहले धारा 370 को हटाने की जरूरत है। इसके साथ सेना को खुली छूट देनी चाहिए ताकि वह आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सके। वहीं भूमिका दीक्षित कहती हैं कि आतंकवाद तो मुद्दा है ही, लेकिन एजुकेशन भी बेहद जरूरी है। बेरोजगारी वैसे भी बढ़ रही है। कई बच्चे हैं जो पढ़ नहीं पाते इसलिए पैरेंट्स से अपील है कि वह अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए भेजें। इसके साथ गवर्नमेंट को भी एजुकेशन सिस्टम में सुधार करने की जरूरत है।

चुनाव के वक्त वैकेंसी क्यों

मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर मुद्दों की बहस पर बात अपनी आखिरी दौर में पहुंच चुकी थी, लेकिन यूथ में गजब का उत्साह था। प्रवीण त्रिपाठी बोलते हैं कि वैकेंसी ज्यादातर चुनाव पास आने के समय ही क्यों आती है? जब भी कोई चुनाव आता है गवर्नमेंट की ओर से वैकेंसी निकाली जाती है। आखिर समय समय पर वैकेंसी क्यों नहीं निकाली जाती है ताकि यूथ को इसका ज्यादा फायदा मिले। वहीं अजय यादव सजेशन देते हुये कहते हैं कि इलेक्शन का समय आ गया है ऐसे में राजनेता कुछ भी बोलते हुये नजर आ जाते हैं। मेरी सभी से अपील है कि आपस में लड़ाई न करते हुये देश में शांति का माहौल बनाये रखें। आपस में झगड़ा न करें और देश के विकास की बात करें।

मेरी बात

बेरोजगारी और आतंकवाद आज सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। पाकिस्तान पर कोई कार्रवाई करने से पहले देश के अंदर जो उनके मददगार हैं उनको खत्म करना होगा। इसके साथ गवर्नमेंट दिव्यांग लोगों के बारे में भी सोचे। जो जॉब नहीं कर सकते। ऐसे भी दिव्यांग हैं जो आईआईटी से पढ़ने के बाद भी जॉब नहीं कर सकते क्योंकि वह योग्य नहीं हो पाते जॉब के लिये। ऐसे में गवर्नमेंट को इसपर ध्यान देना चाहिए।

कड़क मुद्दा

मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर यूथ के बीच जॉब, राजनीति और आतंकवाद सबसे कड़क मुद्दे बने रहे। हर किसी का यहीं मानना था कि गवर्नमेंट को ध्यान देना होगा कि वैकेंसी निकाले तो जॉब भी दें। इसके साथ पार्टियां आपस में न लड़कर देश के लिए एक हो जाएं। वहीं आतंकवाद पर सख्त रवैया अपनाना होगा। इसके लिए सेना को पूरी छूट देनी चाहिए।

सतमोला खाओ सबकुछ पचाओ

यूथ के लिए जॉब ही सबसे बड़ा मुद्दा है। इसलिए जॉब की बात चली तो हर किसी का यही कहना था कि गवर्नमेंट ज्यादा से ज्यादा जॉब देने की बात तो करती है, लेकिन पूरा नहीं करती है। कभी पेपर लीक तो कभी मामला कोर्ट में चला जाता है। ऐसे में नुकसान तो यूथ का ही होता है। गवर्नमेंट को अच्छे से प्लान बनाकर काम करना चाहिए।

आज यहां राजनीटी

जगह - भूतनाथ मार्केट

समय - दोपहर 12:30 बजे

कोट

1. जॉब को लेकर गवर्नमेंट को ध्यान देना चाहिए। यूथ भी मेहनत करके देश के विकास में योगदान करना चाहता है।

- अंकित कुमार

2. बेरोजगारी यूथ के लिए सबसे बड़ी समस्या है। इसपर राजनीति नहीं यूथ के लिए काम करना चाहिए।

- शशिभूषण

3. आतंकवाद पर ध्यान देना चाहिए। कश्मीर से धारा 370 को हटा देना चाहिए।

- श्याम मिश्रा

4. पार्टियां आपस में लड़े नहीं। सभी को मिलकर देश की सफलता के लिए काम करना चाहिए।

- अजिता यादव

5. बेरोजगारी तो बढ़ी ही है। इसके साथ पैरेंट्स को चाहिए कि वह अपने बच्चों को पढ़ने दें

- भूमिका दीक्षित

6. सेना को मौका देना चाहिए कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सके। इसके साथ धारा 370 को हटाने का समय है।

- सौरभ भारती

7. चुनाव आता है तो वैकेंसी निकाली जाती है। ऐसा क्यों? गवर्नमेंट को भी इसके लिए सोचना चाहिए।

- प्रवीण त्रिपाठी

8. सभी पार्टियों से अपील है कि इलेक्शन के समय देश में शांति बनाये रखें। आपस में झगड़ा नहीं करना चाहिए।

- अजय यादव

Posted By: Inextlive