देहरादून

उत्तराखंड वन सेवा से भारतीय वन सेवा में प्रमोट हुए एक अधिकारी किशन चंद्र ने पिछले 10 वर्षो में अपने वेतन से 400 प्रतिशत अधिक संपति अर्जित कर ली। एक गोपनीय शिकायत पर स्टेट विजिलेंस ने जांच की तो यह खुलासा होने पर उनके खिलाफ केस रजिस्टर कर सर्च की गई, सर्च में उनके घर से करोड़ों की संपत्ति और लेने देन के साक्ष्य मिले। विजिलेंस ने उनके बैंक खाते सील कर दिए। उनके खिलाफ जांच अभी पूरी भी नहीं हो पायी थी कि थर्सडे को एक सूचना ने प्रदेश में खलबली मचा दी। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आईएफएस किशनचंद्र को शिकंजे में ले लिया। 10 लाख से अधिक के वित्तीय अनियमितता के मामलों में ईडी डायरेक्ट एक्शन ले सकती है, इसी आधार से जोड़कर इस सूचना को देखा जा रहा है, लेकिन अधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है।

हरिद्वार के ज्वालापुर में करप्शन की कोठी:

किशनचंद्र हरिद्वार के ज्वालापुर के रहने वाले हैं। ज्वालापुर में ही उनकी आलीशान कोठी है और वहां के रईसों में गिने जाते हैं। उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य और उनके चार बेटे भी हैं। उत्तराखंड वन सेवा से वे भारतीय वन सेवा में पदोन्नत हुए। फिलहाल वे 2005 बैच के आईएफएस में शामिल हैं।

आय से 400 परसेंट ज्यादा संपत्ति का खुलासा:

किशनचंद्र के खिलाफ विजिलेंस जांच में उनकी संपत्ति आय से 400 परसेंट अधिक होने का अनुमान सामने आया है। जिसमें उनका ज्वालापुर में घर, देहरादून में मकान, स्टोन क्रशर, उनके व परिवार के 17 बैंक खाते व लॉकर और कैश व प्रॉपर्टी का कैलकुलेशन चल रहा है।

बीमारी की एप्लीकेशन देकर छुट्टी, चार्ज केदारनाथ डीएफओ को:

आईएफएस किशन चंद वर्तमान में डीसीएफ नंदा देवी नेशनल पार्क के पद पर थे। उनको बीमार होने की एप्लीकेशन भेजकर अवकाश मांगा था, जिस पर थसर्ड को वन प्रमुख ने उनका चार्ज केदारनाथ डीएफओ अमित कंवर को सौंपने का फैसला लिया है।

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किशनचंद्र के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज है। सर्च के बाद उनकी संपत्ति की वैल्यू का आंकलन चल रहा है। प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं।

कृष्ण कुमार वीके, डीआईजी, विजिलेंस।

Posted By: Inextlive