इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वीसी द्वारा लाउडस्पीकर पर 'अजान' के खिलाफ शिकायत के बाद प्रयागराज में लाउडस्पीकर या किसी अन्य सार्वजनिक उद्घोषणा पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पूरी तरह से प्रतिबंधित लगाने का फैसला लिया गया। इस संबंध में आईजी प्रयागराज रेंज ने रेंज के चार जिलों के डीएम और एसएसपी को पत्र लिखा है


इलाहाबाद (एएनआई)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव द्वारा मस्जिदों में सुबह-सुबह लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग के बाद शहर प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। आईजी प्रयागराज रेंज केपी सिंह ने रेंज के अंतर्गत आने वाले चार जिलों में जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को एक पत्र लिखा है कि सार्वजनिक स्थानों पर सभी लाउडस्पीकरों या किसी अन्य सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली का उपयोग रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की विशेष अनुमति ले सकते
आईजी प्रयागराज रेंज ने अधिकारियों से सर्वोच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों को लागू करने के लिए भी कहा। एक दायर याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2020 में फैसला सुनाया था कि कोई भी धर्म पूजा के लिए लाउडस्पीकर के उपयोग की वकालत नहीं करता है। आईजी केपी सिंह का कहना है कि प्रदूषण अधिनियम के अनुसार रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है लेकिन शादियों जैसे समारोहों में रात 12 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की विशेष अनुमति ले सकते हैं। लाउडस्पीकरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया था


प्रदूषण बोर्ड के डीएम, एसएसपी और अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि अनुमति के बिना कोई भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल अनुमत समय से परे न करे। इसके अलावा, यहां तक ​​कि अनुमत समय सीमाओं में भी एक लिमिट में इसका उपयोग करना चाहिए। बता दें कि कुलपति ने डीएम को इस संबंध में एक उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए 'अजान' के लिए लाउडस्पीकरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया था और कहा था कि यह उसकी नींद में खलल डालता है और उसकी कार्य क्षमता को प्रभावित करता है।

Posted By: Shweta Mishra