क्त्रड्डठ्ठष्द्धद्ब : शेल्टर होम के संचालन के लिए एनजीओ को लाइसेंस देने में भी अजब-गजब का 'खेल' होता रहा है। सरकार ने एक ही एनजीओ को छह अलग-अलग शेल्टर होम चलाने का लाइसेंस दे दिया। यह खूंटी का एनजीओ सहयोग विलेज है। इस एनजीओ के द्वारा रांची, खूंटी, जमशेदपुर, हजारीबाग, कोडरमा और गुमला में शेल्टर होम का संचालन किया जा रहा है। एक ही एनजीओ को आधे दर्जन से ज्यादा शेल्टर होम का लाइसेंस दिए जाने पर अब सवाल उठ रहे हैं। आखिर किस प्रावधान के तहत सहयोग विलेज को छह-छह शेल्टर होम चलाने का जिम्मा सौंपा गया, इसकी जांच की मांग तेज होती जा रही है।

ऐसे आया मामला सामने

मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय से कुंवारी माताओं के बच्चों का सौदा किए जाने की बात सामने आने के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में संचालित सभी शेल्टर होम के जांच का निर्देश दिया था। खूंटी जिले में जब समाज कल्याण पदाधिकारी ने शेल्टर होम की जांच शुरू की तो सहयोग विलेज को कई शेल्टर होम संचालित करने के लिए लाइसेंस दिए जाने का मामला सामने आया। खास बात है सहयोग विलेज को शेल्टर होम का लाइसेंस इश्यू करने में नियम-कायदों का भी ध्यान नहीें रखा गया।

एक ही कैंपस में बच्चे-बच्चियों का शेल्टर होम

एनजीओ सहयोग विलेज को आधे दर्जन शेल्टर होम का लाइसेंस दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दरअसल इस एनजीओ द्वारा संचालित किए जा रहे शेल्टर होम में कई खामियां पाई गई हैं। एक ही कैंपस में नारी निकेतन और बाल गृह के अलावा बच्चे-बच्चियों का शेल्टर होम चलाया जा रहा है, जो सरकार द्वारा तय किए गए गाइडलाइन के खिलाफ है। इतना ही नहीं, सहयोग विलेज को जो लाइसेंस इश्यू किया गया है, उसका कभी रिन्युअल भी नहीं हुआ है।

सहयोग विलेज के चल रहे शेल्टर होम

एनजीओ सहयोग विलेज की ओर से रांची, खूंटी, हजारीबाग, गुमला, जमशेदपुर और पलामू में शेल्टर होम का संचालन किया जा रहा है। इसके एक ही कैंपस में शेल्टर होम के अलावा नारी निकेतन व शिशु गृह भी चलताी है, जहां ह्यूमन ट्रैफिकिंग से रेस्क्यू कराए गए युवक-युवतियों के अ लावा बच्चे-बच्चियों व बुजुर्गो को भी रखा जाता है। है।

Posted By: Inextlive