कई विवादों के बीच आईआईटी दिल्‍ली के निदेशक रघुनाथ के एस शिवगांवकर ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. जानकारी के अनुसार अभी उनका दो साल से भी ज्‍यादा का कार्यकाल बचा हुआ था. वहीं उनके इस्‍तीफे के पीछे भी अभी कई पेंच उलझे हुए हैं.

क्या है इस्तीफा देने की वजह
बताया जा रहा है कि जिन परिस्थितियों में उन्होंने अपने पद से त्याग पत्र दिया है, उसमें यह भी आरोप तय है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से उनपर दबाव बनाया जा रहा है. गौरतलब है कि शिवगांवकर ने आईआईटी निदेशक मंडल के अध्यक्ष विजय पी भाटकर को शुक्रवार रात को अपना त्यागपत्र भेजा था. त्यागपत्र में इस्तीफे की वजह के लिए उन्होंने ‘निजी कारण’ को जिम्मेदार बताया था. वहीं शिवगांवकर ने रविवार को संवाददाताओं के पूछने पर सिर्फ यह जवाब दिया था, ‘मैंने इस्तीफा दे दिया है.’
क्या है मामला
बताया जा रहा है कि शिवगांवकर ने एक विवाद के पैदा होने के बाद इस्तीफा देने का फैसला लिया. इस पूरे घटनाक्रम में पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को भी शामिल किया गया है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मीडिया में आई उस खबर का खंडन किया है, जिसमें यह बताया गया कि शिवगांवकर ने उस समय  इस्तीफा दे दिया, जब उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की कथित तौर पर दो मांगों को मानने से इनकार कर दिया. मंत्रालय की इन दो मांगों में शामिल थीं आईआईटी दिल्ली के मैदान में सचिन तेंदुलकर को कथित तौर पर अपनी क्रिकेट अकादमी खोलने के लिए देना और दूसरी थी आईआईटी दिल्ली के पूर्व फैकल्टी और अब भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी को 1972 से 1981 के बीच उनके बकाया वेतन के तौर पर तकरीबन 70 लाख रुपए का भुगतान.  
मंत्रालय ने बुलाई बैठक
मामले का जवाब देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की ओर से आईआईटी दिल्ली के निदेशक के इस्तीफा देने के मद्देनजर अधिकारियों की बैठक बुलाई गई. बैठक के बाद मामले पर जवाब दिया गया. मंत्रालय की ओर से एक वक्तव्य में कहा कि यह खबर तथ्यात्मक रूप से बिल्कुल गलत है, जिसमें कहा गया है कि शिवगांवकर ने दबाव का विरोध करते हुए इस्तीफा दिया है. इस दौरान कहा गया कि इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को बेवजह ही घसीटा जा रहा है. इस मामले में मंत्रालय ने किसी भी तरह के निर्देश नहीं दिये हैं.
मंत्रालय की ओर से क्या मिली सफाई
मंत्रालय की ओर से यह भी जवाब दिया गया है कि न तो सचिन तेंदुलकर की ओर से क्रिकेट अकादमी चलाने के लिए आईआईटी के मैदान के लिए कोई अनुरोध किया गया है और न ही मैदान को देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से कोई निर्देश दिये गये हैं. इतना ही नहीं यह भी कहा गया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने न तो सुब्रह्मण्यम स्वामी के अनुरोध को आईआईटी दिल्ली के पास भेजा गया है और न ही स्वामी को बकाए का भुगतान करने के लिए कोई निर्देश दिये गये हैं. डीओपीटी और वित्त मंत्रालय की इस पर राय मांगी गई है.  
क्या कहा सचिन तेंदुलकर और सुब्रमण्यम स्वामी ने
इसी के साथ ही विवाद में अपना नाम घसीटे जाने पर सचिन तेंदुलकर ने भी ट्विटर के जरिए अपना बयान दिया है, ‘मैं इन खबरों को पढ़कर आश्चर्यचकित हूं, कि आईआईटी दिल्ली से मेरे नाम पर अकादमी के लिए कोई जमीन मांगी गई है.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने न तो किसी अकादमी की योजना बनाई है और न ही किसी उद्देश्य के लिए मैं कोई जमीन चाहता हूं.’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा है, ‘मेरे नाम का इस्तेमाल कर इस तरह की काल्पनिक बात प्रकाशित करने से पहले मुझसे बुनियादी तथ्यों की जांच कर ली जाए.’ वहीं दूसरी ओर स्वामी ने भी अपने बकाए के मुद्दे को शिवगांवकर के इस्तीफे से जोड़े जाने पर हैरत जताई है. इसपर उन्होंने कहा 'मामला सरकार और निदेशक मंडल के बीच है. निदेशक तस्वीर में कहीं से भी नहीं आते.’ उधर, स्वामी ने यह भी आरोप लगाया है कि इस्तीफा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कथित तौर पर उनके बकाए का हिसाब-किताब करने को कहने के लिए नहीं है, बल्कि आईआईटी दिल्ली का कैंपस मॉरिशस में स्थापित करने को लेकर है.

I am appalled to read the stories that suggest some land has been asked from IIT-D for academy in my name.

— sachin tendulkar (@sachin_rt) December 28, 2014I have not even planned any academy neither do I want any piece of land for any purpose.

— sachin tendulkar (@sachin_rt) December 28, 2014


इस्तीफा राष्ट्रपति के पास जाएगा मंजूरी के लिए
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक अन्य वक्तव्य में यह भी कहा, ‘आईआईटी दिल्ली के अध्यक्ष ने निदेशक का त्यागपत्र 26 दिसंबर की शाम को उचित प्रक्रिया का पालन कर नियोक्ता प्राधिकार के फैसले के लिए भेज दिया है. अब इस्तीफा सिर्फ नियोक्ता प्राधिकार ही स्वीकार कर सकता है.’ इतना ही नहीं मंत्रालय ने यह भी कहा है कि यह इस्तीफा राष्ट्रपति के पास उनकी मंजूरी के लिए जाएगा, क्योंकि वे आईआईटी दिल्ली के विजिटर हैं. शिवगांवकर 2011 में आईआईटी दिल्ली के निदेशक बने. आईआईटी दिल्ली एल्युमिनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि संस्थान के सारे पूर्व छात्र शिवगांवकर के इस्तीफा देने से खुश नहीं हैं.

Hindi News from India News Desk

 

 

Posted By: Ruchi D Sharma