Coronavirus: नैनो मिशन के तहत तैयार किए नैनो फाइबर से बने रियूजेबल एन-95 और एन-99 मास्क का होगा इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन। सेंट्रल गवर्नमेंट के डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी करेगा फंडिंग कोरोना की जंग में गेमचेंजर साबित होगा।


KANPUR: Coronavirus से लड़ाई में सबसे कारगर माने जाने वाले एन-95 मास्क की किल्लत को आईआईटी कानपुर दूर करेगा। आईआईटी के केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, डिपार्टमेंट आफ केमेस्ट्री और इंक्यूबेटेड कंपनी ई स्पिन नैनोटेक ने नैनो फाइबर से तैयार किए एन-95 मॉस्क के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की तैयारी कर ली है। इसके लिए इन्हें केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी(डॉट) की ओर से नैनो मिशन के तहत फंडिंग मिलेगी। दोनों डिपार्टमेंट्स की फैकल्टी और इनक्यूबेटेड कंपनी की ओर से इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मास्क तैयार करने के लिए रॉ मैटेरियल की कमी न हो इसके लिए नैनो फाइबर का उत्पादन कानपुर में ही होगा। डिपार्टमेंट ऑफ केमिस्ट्री के प्रो.थिरुवंचेरिल जी गोपकुमार ने बताया कि यह प्रोडक्ट इंडिया में कोविड-19 की लड़ाई में गेमचेंजर साबित हो सकता है। यह संक्रमित लोगों के इलाज करने वाले डॉक्टर्स और स्टाफ को वायरस के संक्रमण से बचाएगा।

रोज बनेंगे एक लाख मास्क

आईआईटी कानपुर की इनक्यूबेटेड कंपनी ई स्पिन नैनोटेक के फाउंडर डॉ.संदीप पाटिल ने बताया कि एन-95 व एन-99 मास्क को नैनोफाइबर से तैयार किया जाएगा। नैनोफाइबर का उत्पादन इन हाउस होगा। ऐसे में रॉ मैटेरियल की कमी नहीं होगी। हमारी कोशिश है कि एक दिन में 50 हजार से एक लाख मास्क का उत्पादन कर सके। इसके लिए केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और डिपार्टमेंट आफ केमेस्ट्री से नैनो मिशन के तहत पूरा सपोर्ट मिलेगा। प्रति दिन इतने उत्पादन से कोरोना वायरस से प्रभावित प्रमुख शहरों में काम कर रहे हेल्थ वर्कर्स को मदद मिलेगी।

रीयूज कर सकेंगे मास्क

आईआईटी के इस एन-95 व एन-99 मास्क की कई खासियत हैं। यह मास्क एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल है। इसके अलावा इसे धो कर कई बार यूज किया जा सकता है। नैनो फाइबर से बने होने के कारण यह जल्दी खराब नहीं होता। - प्रो. श्रीशिवकुमार, केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, आईआईटी कानपुर

मास्क के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की तैयारियां तेज की गई हैं। यह मास्क मार्केट में अभी मौजूद एन-95 मास्क से सस्ता है। किफायती और रीयूजेबल होने के कारण इसकी इसे लंबे वक्त तक यूज किया जा सकता है। - प्रो. राजा अंगमुथु, डिपार्टमेंट ऑफ केमेस्ट्री, IIT Kanpur

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Posted By: Chandramohan Mishra