Patna: आईआईटी पटना के मेकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्ट्र्स करने वाले नौ स्टूडेंट्स ने एक खास ट्राईसाइकिल डेवलप किया है. यह मैनुअल और मेकेनिकल दोनों खूबियों वाली है.


कई अप्लीकेशन को एक साथ रखकर किया डेवलप  आईआईटी पटना कैंपस में इन स्टूडेंट्स को वर्कशॉप के चीफ गेस्ट विजय प्रकाश ने भी खूब सराहा। इस ट्राईसाइकिल को बनाने वाली टीम के कैप्टन मो। सुजात अली ने बताया कि इसमें इनोवेशन और रिसर्च के कई अप्लीकेशन को एक साथ रखकर डेवलप किया गया है। इसे डेवलप करने का प्रोजेक्ट और डिजाइनिंग मिड सितंबर, 2013 में शुरू किया गया था जो जनवरी, 2014 के फस्र्ट वीक में पूरा हो गया। इसे बनाने का थीम यह था कि हम करेंट ट्रैफिक सिचुएशन में ऐसी साइकल बनाएं जो न सिर्फ एनवायरमेंट फ्रेंडली हो बल्कि उसकी मेकेनिकल यूटिलिटी का भी फायदा आम लोगों तक पहुंचाया जा सके।इस स्पेशल ट्राईसाइकिल की खूबियां
यह ट्राईसाइकिल कई फीचर्स से लैस है। इसके बारे में टीम के कैप्टन मो। सुजात अली ने बताया कि इसे एक अल्टरनेटिव व्हीकल के रूप में डेवलप किया गया है। इसकी मेकेनिकल स्ट्रेंथ 300 किलोग्राम है। इसमें 12 वोल्ट की एक बैटरी लगी है। इससे मोबाइल और अन्य टेक गैजेट्स को रिचार्ज किया जा सकता है। इस ट्राईसाइकिल का वेट 25 किलोग्राम है। यह जेनरल साइकिल की तुलना में काफी फास्र्ट मूव कर सकती है। फारवर्ड और बैकवर्ड दोनों मूवमेंट करने के लिए है इफिसिएंट। इसमें हैंड-कंट्रोल्ड दो डिस्क ब्रेक इंस्टॉल किए गए हैं। पैडलिंग करते समय ही बैटरी चार्ज होगी, जबकि बैकवर्ड मूव होने पर बैटरी रिचार्ज होगी। अली ने बताया कि इसे दिल्ली में 17 जनवरी से होने वाले एक कांपटीशन में भाग लेने के लिए सेलेक्ट किया गया है। इसमें जर्मन टेक्निक  वेलोमोविल्स का यूज किया गया है। ट्राईसाइकिल डेवलप करने वाले होनहार -मो। सुजात हुसैन अली, थर्ड ईयर -नकुल, थर्ड ईयर-शशांक, थर्ड ईयर-राहुल पलानी, सेकेंड ईयर-अभिषेक, सेकेंड ईयर-विट्ठल पांडे, सेकेंड ईयर-प्रियम अग्रवाल, थर्ड ईयर-अनपेक्ष सक्सेना, सेकेंड ईयर-रवि तनेजा, थर्ड  ईयरसभी स्टूडेंट्स मेकेनिकल इंजीनियरिंग के हैं।

Posted By: Inextlive